Foreign Travel in Astrology: विदेश जाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. लेकिन कभी पासपोर्ट तो कभी वीजा आदि को लेकर परेशानी आ जाती है. जिस कारण कई बार सभी तैयारियां पूरी होने के बाद भी विदेश जाने की स्थिति नहीं बन पाती है. यानि कोई न कोई अड़चन आ ही जाती है.


ज्योतिष शास्त्र में कुंडली (Kundli) का 12वां घर विदेश यात्रा का कारक माना गया है. इसके अलावा 1, 3, 7, और 9वें घर को भी महत्वपूर्ण माना गया है. इस घर में जब शुभ और मजबूत ग्रह आकर विराजमान हो जाते हैं तो व्यक्ति बहुत जल्द विदेश यात्रा करता है. कह सकते हैं कि ऐसे लोग कई बार विदेश भ्रमण करते हैं. विदेश यात्रा कराने वाले कौन-कौन से ग्रह है, आइए जानते हैं-


शुक्र ग्रह (Venus)- ज्योतिष शास्त्र में इस ग्रह को लग्जरी लाइफ का कारक माना गया है. जब ये ग्रह कुंडली मे मजबूत होता है तो व्यक्ति विदेश यात्रा करता है. ऐसे लोग अधिकतर घुमन के उद्देश्य से विदेश की यात्राएं करते हैं. जब शुक्र कमजोर हो तो विदेश जाने में दिक्कत आती है. इसके लिए शुक्रवार का दिन उत्तम है. इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा करें और कन्याओं को उपहार दे. ऐसा करने से शुक्र की स्थिति सुधरती है.


शनि ग्रह (Shani Dev)- विदेश यात्रा करने में शनि देव का भी बड़ा हाथ होता है. जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति शुभ औैर मजबूत होती है, ऐसे लोग विदेश यात्रा करते हैं और कई बार लंबा समय व्यतीत करते हैं. शनि बिजनेस के सिलसिले में यात्रा कराता है. ऐसे लोग अपने परिश्रम से विदेश में धन कमाते हैं. यदि ये ग्रह कमजोर है तो व्यक्ति को दिक्कत आती हैं. विदेश में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों को शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करनी चाहिए.


राहु केतु (Rahu Ketu)- एस्ट्रोलॉजी में इन दोनों ग्रहों को पाप ग्रहों की श्रेणी मे रखा गया है. लेकिन ये कलियुग में सबसे प्रभावशाली ग्रहों में से एक हैं. विदेश यात्रा करने में इन ग्रहों की भी भूमिका अहम मानी गई है. ये ग्रह जब मजबूत होते हैं तो व्यक्ति शोध और जॉब आदि के लिए विदेश यात्रा करता है. ये ग्रह व्यक्ति को अधिक ठंडे देशों की यात्रा कराते हैं. जैसे, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, कनाडा आदि. ये जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को विदेश यात्रा में बाधा और विदेश में संघर्ष की स्थिति बनती हैं. इस ग्रह को शांत करने के लिए भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए.


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