Special: कुंडली में शुक्र के साथ इन ग्रहों की हो युति, तो बनते हैं ये शुभ-अशुभ योग
Astrology: शुक्र ग्रह (Venus) को ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण माना गया है. ये लग्जरी लाइफ का कारक है. लव रोमांस, सुखद दांपत्य जीवन के पीछे शुक्र की बड़ी भूमिका ज्योतिष ग्रंथों में बताई गई है.
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Venus Special, Shukra Grah: वृष राशि और तुला राशि का स्वामी शुक्र है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार जब शुक्र मीन राशि में आता है तो ये उच्च का हो जाता है. जबकि कन्या राशि में ये नीच का हो जाता है. इसके साथ ही शुक्र ग्रह की बुध से मित्रता है, लेकिन सूर्य और चंद्रमा से इसकी शत्रुता है. जबकि देव गुरू बृहस्पति से शुक्र का संबंध तटस्थ है. यानि न शत्रुता है और न ही मित्रता.
कुंडली में यदि शुक्र वृष राशि या तुला राशि में स्थिति है तो 'शुक्र' जीवन में अत्याधिक शुभ फल प्रदान करता है. ये एक राजयोग की तरह फल प्रदान करता है. ऐसे व्यक्ति पर धन की देवी लक्ष्मी जी की कृपा सदैव बनी रहती है. माना जाता है कि शुक्र की महादशा आदि में ऐसे लोग विशेष सफलता प्राप्त करते हैं. शुक्र कैसा ग्रह है? आइए यहां जानते हैं-
शुक्र का परिचय (What is Venus in astrology?)
महर्षि पाराशर ज्योतिष ग्रंथ बृहद पाराशर होरा शास्त्रम में इस श्लोक के माध्यम से शुक्र का परिचय देते हैं-
कांतवपु: श्रेष्ठ: सुलोचना भृगो:सुत:।
काव्यकर्ता कफाधिक्यानिलात्मा वक्रमूर्धज:।
इस श्लोक का अर्थ है- ''शुक्र सुदंर काया, श्रेष्ठ सुख,सुंदर नेत्रों वाला, कवि,कफ-वायु मिश्रित और घुंघराले बालों वाला.''
भोर का तारा (Bhor Ka Tara)
शुक्र को भोर तारा और चमकीला तारा भी कहा जाता है. सूर्य के बाद शुक्र को ही सबसे चमकने वाला ग्रह बताया गया है. खगोल विज्ञान के अनुसार शुक्र का व्यास 12, 391 किलोमीटर है. ये हल्का नीले रंग का दिखाई देता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार शुक्र को आग्नेय दिशा, भूमि तत्व के साथ वायु तत्व का अधिपत्य हासिल है.
शुक्र का जीवन में महत्व (Venus Importance)
शुक्र को कलियुग में सुख समृद्धि का कारक माना गया है. शुक्र जीवन में प्रेम, रोमांस, सुखी वैवाहिक जीवन प्रदान करने में सबसे अहम भूमिका निभाता है. यही कारण है जब विवाह के लिए कुंडली का मिलान किया जाता है जो वर और वधु की कुंडली में शुक्र की शुभ स्थिति पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाता है. विद्वानों के मतानुसार शुक्र की शुभता के बिना संसार में व्यक्ति का जीवन निरर्थक है. शुक्र यदि कुंडली में शुभ स्थिति में विराजमान है तो व्यक्ति को सभी प्रकार के ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं.
कुंडली में शुक्र की मजबूत स्थिति (Venus Represents in Astrology)
सेलीब्रिटी की कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत देखी गई है. यही कारण है कि सेलीब्रिटी की लाइफस्टाइल लग्जरी होती है. जो दूसरों को आर्कषित करती है. इसके साथ ही शुक्र का संबंध इन क्षेत्रों से भी है-
- लव (Love)
- रोमांस (Romance)
- धन (Money)
- सुंदरता (Beauty)
- कला (Art)
शुक्र की अन्य ग्रहों से बनने वाली युति से निर्मित होता है ये योग
- शुक्र-सूर्य युति: कुंडली में जब ये दो ग्रह एक साथ हों तो राजभंग योग बनता है. इस योग के कारण व्यक्ति को सरकारी जॉब हासिल करने में बहुत संघर्ष करना पड़ता है.
- शुक्र- चंद्र युति: ये दो ग्रह जब एक साथ हों तो भाग्यभंग योग बनता हे. जिस कारण व्यक्ति का देर से भाग्य उदय होता है.
- शुक्र- मंगल युति: इससे लग्नभंग योग बनता है. जिस कारण व्यक्ति को मेहनत का फल नहीं मिलता है.
- शुक्र- बुध युति: इससे विपरीत राजयोग बनता है. इस योग के बनने से व्यक्ति का जीवन सुख-सुविधाओं से पूर्ण होता है.
- शुक्र- गुरू युति: इससे धनहीन योग और संतानहीन योग का निर्माण होता है. इससे व्यक्ति परेशानियों से जूझता रहता है.
- शुक्र-शनि युति: इससे पराक्रमभंग योग और सुखहीन योग बनता है. इससे बदनामी मिलने का खतरा बना रहता है.
- शुक्र-राहु युति: जब ये दोनों ग्रह एकसाथ हों तो लंपट योग बनता है. इस योग के कारण व्यक्ति कामी होती है. ऐसे लोगों की महिला मित्रों की संख्या अधिक होती है.
- शुक्र-केतु युति: इस योग के कारण व्यक्ति को गुप्त रोग होने की संभावना बनी रहती है. रोग का देर से पता चलता है.
शुक्र उपाय (Shukra Upya)
- तीन शुक्रवार मिश्री और खीर का दान करें. इससे शुक्र की शुभता में वृद्धि होती है.
- सुहाग की सामग्री किसी सुहागिन को दान करें. ये कार्य शुक्रवार के दिन करें.
- स्त्रियों का सदैव आदर और सम्मान करें.
- स्वच्छता के नियमों का पालन करें.
- गंदे और फटे वस्त्र धारण न करें.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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