Surya Shani Dev, Samsaptak Yoga: ज्योतिष के अनुसार, सूर्य और शनि पिता-पुत्र हैं. इसके बावजूद इनके बीच शत्रुता का भाव है. सूर्य 17 जुलाई को कर्क राशि में प्रवेश किया था जबकि शनि देव इस समय मकर राशि में विराजमान हैं. ज्योतिष के अनुसार, कर्क चतुर्थ राशि है और मकर दसवीं राशि. यदि सूर्य और शनि की स्थिति को कुंडली के अनुसार देखा जाये तो सूर्य और शनि एक दूसरे को सप्तम दृष्टि से देख रहें हैं. ज्योतिष में इस स्थिति को समसप्तक योग (Samsaptak Yoga) कहा जाता है. यह योग मिथुन, सिंह, धनु और कुंभ राशि वालों के लिए बेहद अशुभ और खतरनाक है.


ज्योतिष के अनुसार समसप्तक योग (Samsaptak Yoga) 17 अगस्त तक रहेगा क्योंकि 17 अगस्त को सूर्य कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश कर जायेंगे. सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश से यह समसप्तक योग समाप्त हो जायेगा.  इस लिए 17 अगस्त से मिथुन, सिंह, धनु और कुंभ राशि समसप्तक योग के प्रभाव से मुक्त हो  जायेंगी.  


17 अगस्त तक इस राशि वाले रहें सतर्क (Samsaptak Yoga)


ज्योतिष के अनुसार, समसप्तक योग के प्रभाव से मिथुन, सिंह, धनु और कुंभ राशि वालों के लिए यह समय कठिनाइयों से भरा होगा. इस लिए इन्हें बहुत अधिक सावधान रहने की जरूरत है. समसप्तक योग के प्रभाव से इस राशि वालों के बीच  पिता-पुत्र में आपसी विवाद हो सकता है. वृद्ध लोगों की सेहत खराब हो सकती है. चूँकि सिंह राशि के स्वामी ग्रह सूर्य और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि हैं. इस लिए यह समय सिंह और कुंभ राशि के जातकों के लिए बेहद चुनौती पूर्ण रहेगा.  


समसप्तक योग का प्रभाव  


समसप्तक योग का प्रभाव सिंह और कुंभ राशि वालों पर बेहद नकारात्मक रहेगा. हालांकि मिथुन और धनु राशि पर भी समसप्तक का दुष्प्रभाव देखने को मिलेगा. समसप्तक योग के असर से इन जातकों को कई मामलों में असफलता मिलेगी. नौकरी में वाद विवाद का सामना करना पड़ सकता है. पुराना रोग पुनः उभर सकता है. धन हानि हो सकती है. इन जातकों के अंदर क्रोध बढ़ सकता है जो कि उन्हें ही नुकसान पहुंचाएगा.


 



 



 


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