Grah Gochar Upay: अगस्त में होगा 4 ग्रहों का राशि परिवर्तन, अशुभ प्रभाव से बचाएंगे ये उपाय
Planets Transits: अगस्त के महीने में 4 बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने वाले हैं. इन ग्रहों के गोचर से कई प्राकृतिक घटनाएं बढ़ने की संभावनाएं हैं. जानते हैं इनसे बचने के आसान उपाय.
August Grah Gochar 2023: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की विशेष भूमिका होती है. सभी ग्रह समय-समय पर अपनी राशि परिवर्तन करते हैं. ग्रहों के राशि परिवर्तन के अलावा सभी ग्रहो की चाल भी समय-समय पर बदलती रहती है. इसका भी प्रभाव जातकों के जीवन पर पड़ता है. इस महीने में कई ग्रह अपनी राशि बदलेंगे ही साथ ही कुछ ग्रह की चाल में बदलाव भी देखने को मिलेगा.
अगस्त में बदलेगी इन ग्रहों की चाल
अगस्त के महीने में 4 बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने वाले हैं. सबसे पहले शुरुआत शुक्र ग्रह से होगी. वर्तमान में वक्री गति से चल रहे शुक्र 7 अगस्त को सिंह से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश करेंगे. 07 अगस्त को जहां शुक्र कर्क राशि में प्रवेश करेंगे फिर इसके अगले ही दिन यानी 08 अगस्त को इसी राशि में अस्त भी हो जाएंगे. फिर शुक्र इस राशि में 02 अक्तूबर तक इसी राशि में रहेंगे फिर इसके बाद 4 सितंबर 2023 को मार्गी हो जाएंगे.
उसके बाद सूर्य 17 अगस्त को अपनी ही राशि सिंह में प्रवेश करेंगे. ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि इसके अगले की ही दिन मंगल सिंह से निकलकर बुध की राशि कन्या में आ जाएंगे. इसी दिन शुक्र कर्क राशि में उदित होंगे. सबसे आखिर में 24 अगस्त को बुध सिंह राशि में वक्री चाल से चलना आरंभ कर देंगे. ग्रहों की स्थिति में होने वाले ये बदलाव राशि चक्र पर भी प्रभाव डालेंगे. इसक गहरा प्रभाव देश-दुनिया पर भी देखने को मिल सकता है.
ग्रहों के गोचर का प्रभाव
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इन ग्रहों के गोचर से कई प्राकृतिक घटनाएं बढ़ने की संभावनाएं हैं. कई बड़ी दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं. राजनीति में बड़े स्तर पर परिवर्तन देखने को मिलेगा. इन ग्रहों के अशुभ परिणाम स बचने के लिए कुछ उपाय करना जरूर है.
क्या करें उपाय
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हं हनुमते नमः, ऊॅ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें. प्रतिदिन सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं. लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं. हनुमान जी को पान का भोग और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं. ईश्वर की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट एवं दूर करती है. महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए. माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए.
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