Khatu Shyam: खाटू श्याम का कौन सा व्रत होता है? यहां पढ़ें खाटू श्याम की आरती
Khatu Shyam: खाटू श्याम जी को भगवान कृष्ण का कलयुगी अवतार माना जाता है. राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का भव्य मंदिर है, जहां दूर-दूर से लोग उनके दर्शन के लिए आते हैं.
Khatu Shyam: राजस्थान के सीकर (Sikar) में हर दिन लाखों की संख्या में भक्त खाटू श्याम (Baba Khatu Shyam) के दर्शन के लिए आते हैं. माना जाता है कि खाटू श्याम की पूजा-अर्चना करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हर देवी-देवताओं की पूजा के लिए कोई न कोई एक दिन खास माना जाता है. बाबा खाटू श्याम के लिए एकादशी के दिन व्रत और पूजा करना अति उत्तम होता है.
खाटू श्याम के लिए एकादशी है खास (Khatu Shyam Puja On Ekadashi)
माना जाता है कि एकादशी की तिथि बाबा खाटू श्याम (Khatu Shyam Ekadashi 2024) को बेहद प्रिय है. इस दिन व्रत करने से बाबा का आशीर्वाद मिलता है. एकादशी हर महीने में 2 बार पड़ती है. एक एकादशी शुक्ल पक्ष और दूसरी कृष्ण पक्ष में आती है. बाबा श्याम के भक्तों के लिए शुक्ल पक्ष की एकादशी बहुत खास होती है.
बाबा के भक्त शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन व्रत रखते हैं. इस दिन श्याम बाबा को गुलाब के इत्र से स्नान करवाकर फूलों से उनका विशेष श्रृंगार किया जाता है. इस दिन उन्हें 56 भोग लगाया जाता है. इस दिन बाबा के दर्शन (Khatu Shyam Mandir) करने से उनकी कृपा मिलती है.
श्री खाटू श्याम बाबा को प्रसन्न करने के लिए भक्त उनकी आरती करते हैं. सच्चे मन से खाटू श्याम जी की आरती करने से श्याम बाबा का आशीर्वाद मिलता है और भक्तों के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं.
खाटू श्याम जी की आरती (Khatu Shyam Ji Ki Aarti)
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
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