Bageshwar Dham Sarkar: बागेश्वर धाम सरकार ने जो बताया उसे जान नहीं रोक पाएंगे अपने आंसू
Pandit Dhirendra Krishna Shastri: बागेश्वर धाम के महाराज एक से एक कथाओं का वाचन करते हैं. मां की महिमा का बखान करते हुए महाराज जी अक्सर भावुक हो जाते हैं. मां के बारे में उनके विचार अद्भुत हैं.
Bageshwar Dham: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में बागेश्वर धाम के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ महीनों से अपने प्रवचन और विचारों के चलते काफी चर्चा में हैं. इस युवा कथा वाचक को लोग चमत्कारी बाबा के नाम से भी बुलाते हैं. बागेश्वर धाम महाराज के भक्त भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैले हुए हैं. बाबा बागेश्वर धाम के महाराज की लोकप्रियता पूरी दुनिया में बढ़ गई है.
महाराज अपनी कथाओं और बयानों में बुंदेली भाषा का खूब इस्तेमाल करते हैं. पंडित धीरेंद्र जी का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ था. उनके पिता गांव में पुरोहित जबकि मां भैंस का दूध बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करती थीं. बागेश्वर धाम के दरबार में महाराज एक से एक कथाओं का वाचन करते हैं जिनमें मां की महिमा का खूब बखान करते हैं. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि मां ऋण कोई भी बच्चा कभी नहीं चुका सकता है.
मां के बारे में क्या कहते हैं बागेश्वर धाम सरकार
महाराज पंडित धीरेंद्र जी कहते हैं कि इस दुनिया में आपको कोई भी अपना नहीं हैं. हर कोई किसी ना किसी स्वार्थ की वजह से ही आपसे जुड़ा है. बुरा वक्त आने पर रिश्तेदार, भाई, घर वाली और यहां तक की कभी-कभी बाप भी साथ छोड़ देता है पर मां हमेशा साथ देती है. मां की माहिमा अद्भुत है. पंडित धीरेंद्र जी कहते हैं कि मां जैसा ना कभी कोई हुआ ना हो सकता है. मां गीले में सो जाती है लेकिन बच्चे को हमेशा सूखे में सुलाती है.
पंडित जी कहते हैं कि मां वो है जो खुद भूखी रहकर अपने बच्चों को भोजन कराती है. मां बहुत ममतामयी है. बेटा-बेटी कितना भी अपशब्द बोल दें, मां रात में उनके लिए भोजन की थाली लेकर आ जाती है. अपने परिवार और बच्चों की देखभाल के लिए मां सब कुछ त्याग कर देती है. मां इतनी मजबूत होती है कि वो सारे दुख हंसते हुए सह लेती है लेकिन कभी भी अपने बेटे-बेटियों को दुखी नहीं देख सकती है.
बच्चे भले ही उनसे कितनी दूर हों लेकिन मां के दिल में वो 24 घंटे बसते हैं. महाराज पंडित धीरेंद्र जी कहते हैं कि आप भले ही किसी को कितना दुख दे दो लेकिन अपनी मां को कभी भी दुखी मत करना. भाग्यशाली होते हैं वो लोग जिनकी मां होती है और वो लोग अभागे होते हैं जिनके पास मां-बाप तो होते हैं फिर भी वो उनकी सेवा नहीं कर पाते हैं. पंडित जी का कहना है कि कुछ लोग बच्चों के नाम पर कलंक होते हैं जो थोड़ा सा पद पाकर मां-बाप को भूल जाते हैं. वो लोगों से निवेदन करते हैं कि कुछ भी हो जाए कभी भी अपने मां-बाप को नहीं भूलना चाहिए.
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