Kaal Sarp Dosh Nivaran: 14 सिंतबर यानी आज भाद्रपद की अमावस्या है.  हिन्दू धर्म में अमावस्या की तिथि का खास महत्व होता है. पितरों की आत्म शांति, दान-पुण्य और काल सर्प दोष निवारण के लिए इस दिन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. भाद्रपद माह को भगवान श्री कृष्ण की भक्ति का महीना माना जाता है इसलिए भाद्रपद अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है. काल-सर्प दोष निवारण के लिए भी यह दिन बहुत उत्तम माना जाता है. आइए जानते हैं कि आज अमावस्या के दिन किन उपायों से काल-सर्प दोष से छुटकारा पाया जा सकता है.


काल सर्प दोष के लक्षण (Symptoms of Kaal Sarp Dosh)


कुंडली में  काल सर्प दोष हो तो व्यक्ति को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है. इस दोष के कारण व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में परेशानियां बनी रहती हैं. इस दोष के कारण संतान प्राप्ति में भी कई दिक्कतें आती हैं. लाख मेहनत करने के बावजूद उसका फल नहीं मिलता है. स्वास्थ्य पर भी इस दोष का प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिलता है. 



इस दोष के कारण बुरे स्वप्न भी आते हैं. काल सर्प दोष की वजह से सपने में नाग-नागिन दिखाई देते हैं. जिन लोगों की कुंडली में यह दोष होता है उन लोगों को अपने सपने में मृत व्यक्ति कुछ मांगते हुए दिखाई दे सकता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है.


अमावस्या के दिन करें काल सर्प दोष के उपाय (Kaal Sarp Dosh Upay)


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन नर्मदा नदी में स्नान करने से काल सर्प और गृह दोष दूर हो जाते हैं. मान्यता है कि अमावस्या तिथि को नर्मदा नदी में स्नान करके चांदी से निर्मित नाग का संस्कार कर यहां विसर्जन करने से कुंडली का काल सर्प दोष शांत होता है. माना जाता है कि नर्मदा नदी में स्नान करने मात्र से हर तरह के दोष शांत हो जाते हैं. इस पवित्र नदी में स्नान करने से मंगल, शनि, राहु, केतु के दोषों से भी मुक्ति मिलती है.


पुराणों के अनुसार इस नदी की उत्पति भगवान शिव से हुई थी, जिसके कारण यह नदी आदिशक्ति की शक्तियों से पूर्ण मानी जाती है. इस नदी के विषय में यह भी कहा जाता है कि इसमें स्नान करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है. नर्मदा का जल पितरों के तर्पण के लिए भी पवित्र माना जाता है. 


इसके अलावा काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को अमावस्या के दिन शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए. इस दिन रुद्राभिषेक करना भी लाभकारी रहता है. आज के दिन अपने कुल देवता की आराधना अवश्य करें. महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करने से विशेष लाभ होगा. आज के दिन हनुमान चालीसा का भी 11 बार पाठ करना चाहिए. काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को अमावस्या के दिन अपने घर में मोरपंख लान चाहिए.


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