Bhadra: 'भद्रा' कौन थी? जिसके साये में बहने भाई की कलाई पर राखी बांधने से डरती हैं
Bhadra: रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2022) के पर्व में भद्रा काल का विशेष ध्यान रखा जाता है. ये भद्रा कौन है? आइए जानते हैं.
भद्रा कौन है? (Bhadra Meaning in Hindi)
पौराणिक कथा और पुराणों के अनुसार भद्रा को सूर्य की पुत्री और शनि की बहन बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्रा का स्वभाव भी शनि की तरह है. शनि का स्वभाव क्रूर है. वे नियम और अनुशासन का पालन करने वाले है. इसके साथ ही शनि को कर्मफलदाता और न्यायाधीश भी बताया गया है. दैनिक पंचांग में भद्रा का विशेष ध्यान रखा जाता है. माना जाता है कि ब्रह्मा जी ने भद्रा को पंचांग में विशेष स्थान प्रदान किया है.
यमराज की बहन है 'भद्रा' (Bhadra)
पौराणिक कथा के अनुसार जाता है कि भद्रा यमराज और यमुना की बहन थी. भगवान वरूण भद्रा से आकर्षित थे और भद्रा का हरण कर लिया था.
भद्रा काल क्या होता है? (Bhadra Kaal)
पंचांग के अनुसार जब भद्रा काल प्रारंभ होता है तो इसमें शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं यहां तक कि यात्रा भी नहीं करनी चाहिए. इसके साथ ही भद्रा काल में राखी बांधना भी शुभ नहीं माना गया है. मान्यता के अनुसार चंद्रमा की राशि से भद्रा का वास तय किया जाता है. गणना के अनुसार चंद्रमा जब कर्क राशि, सिंह राशि, कुंभ राशि या मीन राशि में होता है तो भ्रदा का वास पृथ्वी पर होता है. वहीं मेष राशि, वृष राशि, मिथुन राशि और वृश्चिक राशि में जब चंद्रमा रहता है तब भद्रा स्वर्गलोक में रहती है. तथा चंद्रमा जब कन्या राशि, तुला राशि, धनु राशि या मकर राशि में होता है तो भद्रा का वास पाताल लोक में माना गया है. 11 अगस्त 2022 को भद्रा पाताल में है. इसीलिए इसका प्रभाव मान्य नहीं माना जा रहा है. भद्रा जब पृथ्वी पर होती है तो इसका प्रभाव मान्य माना जाता है.
Raksha Bandhan Thali: राखी बांधने से पहले बहनें चेक कर लें पूजा की थाली में ये 5 चीजें
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.