भूत होते हैं या नहीं. इस पर लोग अक्सर बात करते नजर आ जाते हैं. गांव, देहात और शहरों में भूत से जुड़े किस्से और कहानियां गाहे बगाहे सुनाई दे ही जाती हैं. विज्ञान भूत होने की बात को सिरे से खरीज करता है, लेकिन विभिन्न धर्मों में भूत और आत्मा पर विश्वास करने वाले लोग बड़ी संख्या में मिल जाएंगे.


भूल भुलैया 3 (Bhool Bhulaiyaa 3) के रिलीज होने के बाद जो लोग सिनेमाघर से फिल्म को देखकर लौट रहे हैं वे भूत प्रेतों की बातें करते नजर आ रहे हैं. ज्योतिष में बुरी शक्तियों की बात कही जाती है. ये बुरी शक्तियां व्यक्ति के जीवन में परेशानियां पैदा करती हैं. हिंदू धर्म के साथ-साथ कई अन्य धर्मों में भी ऐसी शक्तियों के बारे में जानकारी मिलती है.


भूल-भुलैया (Bhool Bhulaiyaa) के हिंदी अर्थ के बारे में बात करें तो इसका मतलब होता कि ऐसा भवन, हवेली जिसमें इंसान जाकर रास्ता भूल जाए और अपने लक्ष्य तक देर से पहुंचे. आम बोलचाल में इसे भ्रम की स्थिति भी कहते हैं. ज्योतिष में राहु-केतु को भ्रम का कारक माना गया है. कलियुग में इन पाप ग्रहों को बेहद विशेष बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में इन ग्रहों को अशुभ फल देने वाला बताया गया है. लेकिन विशेष परिस्थितियों में ये अच्छे परिणाम भी प्रदान करते हैं.


ज्योतिष में राहु केतु (Rahu Ketu) को मायावी ग्रह भी कहा गया है. ये बुरी शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन दोनों खतरनाक ग्रहों को धुआं भी कहा जाता है. ये छल, फरेब और धोखा देने वाले ग्रह बताये गए हैं. विज्ञान की मानें तो राहु और केतु चंद्रमा के दो नोड हैं. राहु को नॉर्थ पोल यानि उत्तरी नोड और केतु साउथ पोल यानि दक्षिणी नोड कहा जाता है.




राहु केतु के लक्षण (Rahu Ketu)
ज्योतिष शास्त्र में राहु केतु को जीवन में अचानक घटित होने वाली घटनाओं के तौर पर देखा जाता है. इसका परिणाम अनप्रिडिक्टेबल होता है. क्योंकि जब ये शुभ फल देने पर आते हैं तो उम्मीद से ज्यादा अच्छे परिणाम जीवन में देते हैं वहीं जब खराब फल देने पर आते हैं तो भयंकर बुरे फल देते हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. इसलिए राहु केतु को राजा से रंक और रंक से राजा बनाने वाले ग्रहों के तौर पर जाना जाता है.


भूल-भुलैया (Bhool Bhulaiya) जैसी स्थिति जब जीवन में बन जाए तो व्यक्ति को समझ लेना चाहिए कि राहु केतु अशुभ फल दे रहा है. यानि जब आपके काम बिगड़ने लगें. करियर में रुकावट आने लगे. नौकरी पर खतरा आने लगे. जीवन में अचानक से परेशानियां बढ़ जाएं. मित्र ही शत्रु बन जाएं. या शत्रुओं को पहचानने में दिक्कत आने लगे. धन तेजी से नष्ट होने लगे. बुरे सपने सताने लगे. मन में बुरे विचार आने लगे. सगे संबंधी भी साथ छोड़ जाएं. संतान से परेशानी पैदा होने लगे. घर में मनहूसियत फैलने लगे तो समय रहते सावधान हो जाना चाहिए और इन ग्रहों की शांति के लिए उपाय शुरु कर देने चाहिए.


राहु केतु उपाय (Rahu Ketu Upay)
इन पाप ग्रहों की शांति के लिए अच्छे ज्योतिषी से सलाह लेनी चाहिए और कुंडली में इन पाप ग्रहों की स्थिति का आंकलन कराना चाहिए. राहु केतु की शांति के लिए भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए. माता सरस्वती की नित्य आराधना करने से भी राहु केतु की शांति होती है. चांदी का ठोस हाथी बनाकर घर में रखें. मंदिर में घंटी बजाएं. घर की छत पर पताका लगाएं. गलत काम करने वालों का साथ तुरंत छोड़ देना चाहिए. किसी भी प्रकार का नशा नहीं करना चाहिए. कमजोर लोगों की मदद करें. साफ-सफाई का ध्यान रखें.


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