Breakup According To Astrology: प्रेम जब होता है तो दुनिया अच्छी लगने लगती है. व्यक्ति का हृदय स्वच्छ और निर्मल हो जाता है. प्रेम व्यक्ति को आदमी से इंसान बनाता है. सच्चा प्रेम ईश्वर के करीब लाता है. प्यार में जब बाधा और परेशानी आने लगती है तो व्यक्ति परेशान हो जाता है. उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है, तनाव और मन में नकारात्मक विचार, एक साथ व्यक्ति को इस तरह से जकड़ लेते हैं कि समय रहते यदि उपाय न किया जाए तो स्थिति गंभीर हो जाती है.
ज्योतिष शास्त्र में प्रेम के कारकों के बारे में बताया गया है. जन्म कुंडली का पंचम भाव प्रेम संबंधों का माना गया है. कुंडली का जब पंचम भाव अशुभ और कू्रर ग्रहों से पीड़ित हो जाता है तो प्रेम संबंधों में अचानक परेशानी आनी लगती है. बात बात पर तनाव और विवाद की स्थिति बनने लगती हैं. कभी कभी भ्रम के कारण लव रिलेशन में दिक्कत आने लगती हैं.
प्रेम संबंधों में बाधा पहुंचाने वाले ग्रहों का पता लगाकर यदि उपाय किया जाए तो दिक्कत दूर हो जाती है. आइए जानते हैं उन ग्रहों के बारे में जो प्रेम संबंधों में बाधा पैदा करने की कोशिश करते हैं-
शनि देव: शनि देव को शांत रखना बहुत ही जरूरी है. शनि जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति के प्रेम संबंधों को प्रभावित करते हैं. पंचम भाव पर शनि की दृष्टि पड़ने से वाद विवाद और ब्रेकअप जैसी स्थिति का निर्माण करते हैं. इसके लिए शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करनी चाहिए और शनि से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए.
मंगल: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रहों को ग्रहों का सेनापति माना गया है. मंगल का स्वभाव उग्र माना गया है. मंगल जब अशुभ होता है तो प्रेम संबंध में लड़ाई झगड़े की स्थिति अधिक बनने लगती है. क्रोध के कारण संबंध प्रभावित होने लगते हैं. मंगल को शुभ बनाने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए.
सूर्य: सूर्य ग्रह जब अशुभ होता है तो प्रेम संबंधों को लेकर घर के बड़े नाराज होने लगते हैं जिस कारण प्रेम संबंधों पर बुरा असर पड़ने लगता है. इसके लिए रविवार के दिन सूर्य देव को सुबह उठकर जल देना चाहिए. पिता को प्रसन्न रखने की कोशिश करनी चाहिए.
राहु-केतु: ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को पाप ग्रह माना गया है. जब ये अशुभ होते हैं तो रिश्तों में भ्रम की स्थिति बना देते हैं जिस कारण कभी कभी ऐसी बातों पर विवाद की स्थिति बनने लगती है जिनका कोई अर्थ नहीं होता है. राहु और केतु अचानक ब्रेकअप भी कराते हैं. इसलिए इन ग्रहों को शांत रखने के लिए भगवान शिव और भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए.
यह भी पढ़ें:
Shukra Uday 2021: शुक्र ग्रह का हुआ उदय, प्रेम संबंधों में आने वाली बाधाएं होंगी दूर