Guru Mantra Benefits: ग्रह-नक्षत्रों की चाल का असर हर जातक पर पड़ता है. अगर ग्रहों की चाल वक्री हो तो इसका प्रतिकूल वहीं मार्गी होने पर जातक पर इसका अनुकूल प्रभाव पड़ता है. कुंडली में किसी भी ग्रह की अशुभ स्थिति का दुष्प्रभाव भी जातकों को झेलना पड़ता है. कुंडली में अगर बृहस्पति की स्थिति कमजोर हो तो मांगलिक कार्यों में बहुत अड़चनें आने लगती हैं. इसके अलावा व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से भी बहुत कष्ट झेलने पड़ते हैं. जिनका बृहस्पति कमजोर हो उन्हें गुरुवार का व्रत रखना चाहिए. इस दिन गुरुवार के दिन कुछ खास मंत्रों का जाप करना बहुत लाभकारी माना गया है. इससे बृहस्पति शांत होता है और व्यक्ति के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं. आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में.


बृहस्पति शांति ग्रह मंत्र-


देवानाम च ऋषिणाम च गुरुं कांचन सन्निभम।
बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।


ॐ बृं बृहस्पतये नमः।।


ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।।


ॐ ह्रीं नमः।


ॐ ह्रां आं क्षंयों सः ।।


बृहस्पति मंत्र


ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः।


ॐ बृं बृहस्पतये नमः।


ध्यान मंत्र


रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,


विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।


पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,


विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।


गुरु का वैदिक मंत्र


ओम बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु


यद्दीदयच्छवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्।।


कब करें इन मंत्रों का जाप


कुंडली में गुरु की स्थिति को मजबूत करने के लिए आप हर दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं. खासकर गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा करने के बाद इन मंत्रों का जाप करना विशेष फलदायी होता है. लाभ प्राप्ति के लिए कम से कम एक माला जाप जरूर करें.


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