Rajyog In Kundli: जन्म कुंडली में जब सूर्य और बुध की युति या संबंध बनता है तो अत्यंत शुभ राजयोग का निर्माण होता है. ये राजयोग व्यक्ति को जीवन में शिक्षा, करियर, जॉब, बिजनेस और समाज में सफलता और लोकप्रियता दोनों ही प्रदान करता है. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और बुध से बनने वाले इस राजयोग को जीवन में अत्यंत शुभफलदायी माना गया है.
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और बुध को नवग्रहों में विशेष स्थान प्राप्त है. सूर्य को जहां ग्रहों का राजा यानि अधिपति कहा गया है, वहीं बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा गया है. जन्म कुंडली में यदि ये दोनों ग्रह एक साथ हो तो बुधादित्य योग कहलाता है.
बुधादित्य योग का फल
बुधादित्य योग का जब जन्म कुंडली में निर्माण होता है तो ऐसे व्यक्ति को धन और मान-सम्मान भरपूर प्राप्त होता है. ऐसे व्यक्ति उच्च पद प्राप्त करते हैं. ये राजयोग जन्म कुंडली के अलग अलग भाव में अलग-अलग फल प्रदान करता है. सूर्य जब मेष राशि में आते हैं तो ये उच्च के कहलाते हैं और तुला राशि में जब प्रवेश करते हैं तो ये नीच के हो जाते हैं. वहीं बुध ग्रह को मिथुन और कन्या राशि का स्वामी माना गया है. कन्या राशि में बुध के उच्च के माने गए हैं जबकि मीन बुध की नीच राशि है.
बुधादित्य योग बॉस और लीडर भी बनाता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधादित्य योग शुभ स्थिति में हो तो ऐसे व्यक्ति अच्छे बॉस, प्रशासक और नेता भी बनते हैं. वृष, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ लग्न में बुधादित्य योग हो तो व्यक्ति प्रभावशाली होता है. ऐसे लोगों नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं. इस योग का शुभ फल प्राप्त करने के लिए सूर्य देव और भगवान गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. रविवार को सूर्य देव को जल देने और बुधवार को गणेश को दूर्वा चढ़ाने से इस योग की शुभता में वृद्धि होती है.
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