Budh Gochar 2023 : बुध ग्रह मकर राशि से निकल कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे . 27 फरवरी 2023, सोमवार को कुंभ राशि में बुध ग्रह का गोचर सभी राशियों को प्रभावित करेगा. बुध 27 फरवरी 2023 को 16:33 बजे कुंभ राशि में गोचर करेंगे. बुध ग्रह 15 मार्च तक कुंभ राशि में ही रहेंगे. मकर की तरह कुंभ भी शनि की ही राशि है. इस राशि में बुध के होने से कई लोगों की आर्थिक स्थिति में बदलाव होने के योग बनेंगे. 


इस समय कुंभ राशि में सूर्य देव प्रवेश कर चुके हैं और शनि के साथ उनकी युति है, वही इसी कुंभ राशि में 27 फरवरी को बुध भी प्रवेश कर जाएंगे. बुध 16 मार्च तक इसी राशि में रहने वाले हैं उसके बाद उनका प्रवेश मीन राशि में होगा, जहां देव गुरु बृहस्पति के साथ उनकी युति होगी. सूर्य भी 15 मार्च तक कुंभ में ही रहने वाले हैं ऐसे में 27 फरवरी से 15 मार्च तक कुंभ राशि में सूर्य बुध और शनि की युति होगी जो की देश पर एक व्यापक असर डालेगी.



 


सूर्य और बुध की युति का असर ( Surya-Budh Yuti )



  • सूर्य और बुध की युति से लोगों को लेन-देन और निवेश में नुकसान उठाना पड़ सकता है.

  • लोगों में आपसी विवाद भी हो सकते हैं.

  • कुछ लोगों के आर्थिक मामलों में भी रुकावटें आ सकती हैं.

  • सूर्य और बुध की युति होने से खरीदी-बिक्री, लेन-देन, निवेश, वाणी, अभिव्यक्ति, कैलकुलेशन और बुद्धि पर इस ग्रह का असर पड़ता है.

  • बुध के राशि परिवर्तन से पत्रकार, वकालात, बिजनेस और शेयर मार्केट से जुड़े लोग ज्यादा प्रभावित होते हैं.


बुध देव कुंभ राशि में 15 मार्च 2023 तक रहेंगे और बाद में कुंभ राशि से निकलकर अपनी नीच राशि मीन राशि में प्रवेश करेंगे. जब 27 फरवरी को कुंभ राशि में बुध का गोचर होगा तो उस समय शनि 5 अंश पर होंगे और सूर्य लगभग 14 अंश पर होंगे. इस कारण से 4 दिनों में ही बुध और शनि की युति होगी जो कि निकटतम अंश में होगी. सूर्य भी इसी राशि में स्थित रहेंगे लेकिन बुध के निकटतम अंशों में रहने के बाद वह इस राशि से मार्च में निकल जाएंगे.


बुध कम्युनिकेशन का ग्रह है. बुध ग्रह के अधिदेवता भगवान विष्णु हैं, बुध व्यापार के देवता तथा व्यापारियों के रक्षक हैं. बुध चन्द्र और तारा के पुत्र है. बुध सौरमंडल के  ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य से निकटतम है. बुध के हाथों में तलवार, ढाल, गदा तथा वरमुद्रा धारण की हुई है. 


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