Budh Pooja: पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मां पार्वती की कृपा से जब श्रीगणेश जी की उत्पत्ति हुई थी, तब उस समय भगवान शिव के धाम कैलाश में बुध देव उपस्थित थे. बुध देव की उपस्थिति की वजह से श्रीगणेश जी की आराधना के लिए प्रतिनिधि वार हुए. इसके मुताबिक बुधवार के दिन गणेश जी पूजा का नियम लागू हुआ. गणपतिजी में आस्था रखने वाले लोग इस दिन बड़ी श्रद्धा से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि बुधवार के दिन गणेशजी की पूजा करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और खुशियों का आगमन होता है.


बुध पूजन से सुधरती है कुंडली
हिंदू धर्म और इसको मानने वालों के लिए बुधवार का दिन बड़ा खास है. मान्यता है कि बुधवार के दिन कुछ विधियों को अपनाकर जीवन में आने वाले संकटों से बचा जा सकता है. इस दिन बुध ग्रह की पूजा की जाती है. इसके साथ बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है. इसके अलावा इस दिन कुछ लोग बुध ग्रह की भी पूजा करते हैं. माना जाता है कि बुधवार के दिन बुध ग्रह की पूजा से कुंडली में बुध की उपस्थिति अशुभ से शुभ जगह पर हो जाती है.


व्रत और पूजन विधि
हिंदू धर्म में बुधवार व्रत रखने का काफी फायदा है. इसे ध्यान में रखते हुए हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले तमाम लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं. बता दें कि अन्य व्रतों की तरह बुधवार के व्रत की भी एक खास विधि है. अगर आप इन विधियों का ठीक ढंग से पालन करते हैं तो लाभ मिल सकते हैं. आइए जानते हैं कि बुधवार व्रत की सही विधि है और फायदे?


1. व्रत महीने के शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार को करना उचित माना जाता है.
2. बुधवार का व्रत अंधेर यानी कृष्ण पक्ष की बजाए शुक्ल पक्ष में रखना चाहिए.
3. बुधवार के व्रत में भी नमक खाने से परहेज करना चाहिए.
4. बुधवार व्रत के लाभ से घर में धन की बचत होती है.
5. लगता है कि कमाया धन व्यर्थ में जा रहा है तो बुधवार व्रत करें.
6. घर-परिवार में क्लेश को समाप्त करने लिए बुधवार व्रत होता है.
7. जीवन में शुभ होने के लिए भी बुधवार का व्रत काम आता है.
8. कमजोर मस्तिष्क वालों को बुधवार उपवास रखना चाहिए.
9. बुद्धवार व्रत से बुध ग्रह की शांति तथा धन, विद्या और व्यापार में वृद्धि होती है.
10. बुधवार के दिन दूध जलाना नहीं चाहिए. इस दिन दूध से खीर, रबड़ी या छेना नहीं बनाना चाहिए. 


ये मंत्र देगा शक्ति और शांति 
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।


इस मंत्र को रोज 108 बार जपना चाहिए. सच्चे मन से इसके उच्चारण से गणेश जी प्रसन्न हो जाते हैं. मान्यता है कि गणेश गायत्री मंत्र का जाप 11 दिन तक किया जाए तो व्यक्ति के पूर्व कर्मों का बुरा फल भी समाप्त हो जाता है.


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