Pushya Nakshatra 2021 Dates And Time: 18 मई 2021 को मंगलवार को वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है. इस दिन नक्षत्र पुष्य है. ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों की संख्या 27 बताई है. पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा बताया गया है. शास्त्रों में पुष्य का अर्थ, पोषण करने वाला बताया गया है. पुष्य नक्षत्र को अत्यंत शुभ और विशेष फल प्रदान करने वाला माना गया है.


पुष्य नक्षत्र कर्क राशि का नक्षत्र माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है. पुष्य नक्षत्र के देवता, बृहस्पति है. बृहस्पति को देवताओं को गुरु माना गया है. इसीलिए गुरु पुष्य नक्षत्र को सबसे श्रेष्ठ माना गया है. मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में औषधि निर्माण करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. इस नक्षत्र को चिकित्सा, दवा आदि के क्षेत्र में बहुत अच्छा माना गया है. 


पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वालों का स्वभाव
पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वालों में विशेष प्रतिभा और कुशलता पाई जाती है. ऐसे व्यक्ति समाज में सम्मान पाते हैं. इनकी लोकप्रियता भी काफी होती है. पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वाले संवेदनशील और दूसरों के हितों का ध्यान रखने वाले होते हैं. ऐसे व्यक्ति लोभी नहीं होते हैं और हर प्रकार के प्रलोभनों से दूर रहते हैं. कहने का अर्थ ये है कि ये ईमानदार होते हैं और अपने सिद्धांतों से ये किसी प्रकार से समझोता नहीं करते हैं. ये कुशल प्रशासक भी होते हैं. इन लोगों में सकारात्मकता अधिक पाई जाती है. ऐसे लोग आशावादी होते हैं और ज्ञान के महत्व को अच्छे ढंग से जानते हैं. 


पुष्य नक्षत्र में जन्में व्यक्ति, इन बातों का ध्यान रखें
पुष्य नक्षत्र में जन्म लेने वालों को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. ऐसे लोगों को अहंकार और क्रोध से दूर रहना चाहिए. इसके साथ ही वाणी को दूषित नहीं करना चाहिए. किसी का अपमान भी नहीं करना चाहिए. ऐसे लोगों को प्रशंसा सुनने की आदत से बचना चाहिए.


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