पुष्य नक्षत्र के बारे में शास्त्रों में बताया गया है कि शुभ कार्य करने के लिए पुष्य नक्षत्र सबसे शुभ नक्षत्र है. कई बार इस नक्षत्र में पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. यही कारण है कि पुष्य नक्षत्र का लोग इंतजार करते हैं. शास्त्रों में पुष्य नक्षत्र का अर्थ है पोषण करने वाला, ऊर्जा और शक्ति प्रदान करने वाला बताया गया है. पुष्य नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है और पुष्य नक्षत्र कर्क राशि के अंतर्गत आता है.
वाहन, सोना और आभूषण की कर सकते हैं खरीदारी
गुरु पुष्य नक्षत्र पर वाहन, सोना, भवन, भूमि, आभूषण, इलेक्ट्रानिक्स आयटम, लकड़ी, लोहे का फर्नीचर, कृषि से जुड़ी चीजें आदि खरीदना शुभ माना गया है. इसके साथ निवेश के लिए भी इस नक्षत्र को शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है. इस नक्षत्र में पालिसी, म्यूचल फंड और शेयर मार्केट आदि में भी विचार विर्मश के बाद पूंजी का निवेश कर सकते हैं. पंचांग के अनुसार गुरु पुष्य नक्षत्र में कार्य सिद्धि कराने वाला सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग, राज योग का भी अति शुभ संयोग बन रहा है. गुरु-पुष्य नक्षत्र 28 अक्टूबर 2021, गुरुवार को पूरे दिन और रात तक रहेगा.
गुरु पुष्य नक्षत्र मुहूर्त
चर प्रातः 11.18 से दोपहर 12.48 बजे तक.
लाभ दोपहर 12.48 से 1.52 बजे तक.
अमृत दोपहर 1.52 से 2.51 बजे तक.
शुभ दोपहर 4.48 से शाम 6.28 बजे तक.
अमृत सायं 6.28 से 7.56 बजे तक.
चर सायं 7.56 से रात 9.00बजे तक.
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