chaitra Navratri 2023: नवरात्रि और रमजान के दौरान आसमान में दिखा अद्भुत दृश्य, हर कोई देखकर है हैरान
Venus Moon Conjunction: शुक्रवार को आसमान में चांद-तारे का अद्भुत नजारा देखा गया. लोग इसे नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के साक्षात दर्शन कह रहे हैं तो कुछ रमाजन के पहले दिन का संयोग बता रहे हैं.
Venus Moon Conjunction 2023, Chaitra Navratri and Ramadan 2023: मार्च का महीना आस्था का महीना है. 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है और 23 मार्च से माहे रमजान भी शुरू हो गया है. आस्था के इस महीने में आसमान में भी अद्भुत नजारा देखने को मिला, जिसे देखते ही लोगों ने अपने-अपने कैमरे में कैद कर लिया.
बीते शुक्रवार जब सूरज ढला और शाम हुई तो आसमान का नजारा अन्य दिनों की तुलना में अलग और अद्भुत था. आसमान में ऐसा दृश्य देख लोगों के मुंह से बस एक ही शब्द निकला वाह! बता दें कि, शुक्रवार को आसमान में अर्धचंद्रमा दिखाई दे रहा था और चंद्रमा के ठीक नीचे एक बिंदी सी नजर आ रही थी.
चंद्रमा-तारे का अद्भुत दृश्य मां चंद्रघंटा के दर्शन
आसमान में इस अद्भुत नजारे को चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन देखा गया. नवरात्रि का तीसरा दिन मां दुर्गा की तीसरी शक्ति मां चंद्रघंटा को समर्पित होती है और देशभर में शुक्रवार को मां चंद्रघंटा की पूजा की गई. मां चंद्रघंटा के मस्तिक के ऊपर घंटे के आकार के चंद्रमा की आकृति होती है. इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा. शुक्रवार को आसमान में नजर आने वाले चांद-तारे की आकृति भी मां चंद्रघंटा की बिंदी के समान थी, ऐसे में लोग कह रहे हैं कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा ने साक्षात भक्तों को दर्शन दिए हैं और इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. देश के जाने-माने लोगों ने भी सोशल मीडिया पर इस अद्भुत नजारे की तस्वीरें साझा करते हुए मां चंद्रघंटा के तिलक से इसकी तुलना की.
माहे रमजान के दिन आसमान में अद्भुत दृश्य
शुक्रवार के दिन से ही रमजान का महीना शुरू हुआ है. गुरुवार को कहीं भी चांद का दीदार नहीं हो पाया था, जिसके बाद प्रमुख मुस्लिम संस्थाओं की ओर से ऐलान किया गया कि, जुमा (शुक्रवार) के दिन से रोजे की शुरुआत होगी और पहली रमानुकूल मुबारक 24 मार्च को होगी. ऐसे में आसमान में अर्धचंद्रमा और तारे का यह अद्भुत नजारा मुस्लिम समुदाय के लोगों के आस्था का भी कारण बना. लोगों का कहना है कि रोजा रखने से पहले चांद का दीदार होना उनके लिए अल्लाह की नेमत है.
क्या है चांद-तारे के अद्भुत नजारे का सच?
आसमान में चांद-तारे के इस अद्भुत नजारे को खगोलशास्त्री वीनस यानी शुक्र ग्रह बता रहे हैं. कहा जा रहा है कि परिक्रमा करते हुए पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा शुक्रवार शाम को पृथ्वी के नजदीकी ग्रह शुक्र के साथ दिखा है. शुक्र ग्रह और चांद के इस दुर्लभ संयोजन का सुंदर नजारा देश के अलग-अलग हिस्सों में देखा गया और इसके बाद इस अद्भुत दृश्य की चर्चा होने लगी.
बेहद करीब दिखने वाले चांद-तारे असल में है इतनी दूर
एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी इंडिया आउटरीच एंड एजुकेशन ने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'आज शुक्र और चंद्रमा एक दूसरे से मिलते हुए दिखाई देंगे इसे कंजंक्शन कहते हैं'. चांद और तारे एक ही रेखा में दिखाई देंगे और हमें देखने में लगता है कि दोनों करीब या साथ हैं. लेकिन असल में वे एक-दूसरे से काफी दूर हैं. जानकारों के अनुसार, शुक्र करीब 18 करोड़ 52 लाख किलोमीटर दूर था और यह -3.98 मैग्निट्यूड से चमक रहा था. वहीं चंद्रमा 3 लाख 79 हजार किलोमीटर दूर था. इतनी अधिक दूरी होते हुए भी इस अद्भुत दृश्य ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा.
एक बार फिर दिखेगा ऐसा अद्भुत नजारा
जानकारों के अनुसार, मार्च में एक बार फिर से आपको ऐसा ही अद्भुत नराजा देखने को मिलेगा. सिर्फ वीनस ही नहीं बल्कि मार्च के अंतिम में आसमान में पांच ग्रह एक लाइन में दिखाई देंगे. पृथ्वी के विषुव में जाते ही 25 से 30 मार्च के बीच बृहस्पति, बुध, शुक्र, यूरेनस और मंगल ग्रह ऐसी ही रेखा में आपको दिखाई देंगे.
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