Chaitra Navratri 2023, Navratri Fast Rules: बुधवार 22 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. यह हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में एक है. नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक मां भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा-अराधना की जाती है. मां को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए नवरात्रि में भक्त व्रत भी रखते हैं. कुछ लोग जोड़े में उपवास रखते हैं, कुछ अष्टमी व्रत करते हैं तो कुछ पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं. अगर आप पहली बार नवरात्रि का व्रत रख रहे हैं तो आपको इससे जुड़े नियमों को जरूर जानना चाहिए, तभी नवरात्रि का व्रत सफल और संपन्न होगा.


नवरात्रि व्रत में कितनी बार खाना चाहिए?


नवरात्रि का व्रत पूरे 9 दिनों तक रखा जाता है. नवरात्रि के दौरान रसोपवास, फलोपवास, दुग्धोपवास, लघु उपवास, अधोपवास और पूर्णोपवास किया जा सकता है. कुछ लोग उपवास के दौरान खिचड़ी खाते हैं, कुछ सेंधा नमकयुक्त भोजन करते हैं, कुछ फलाहार भी करते हैं तो कुछ केवल दूध और जल आदि ग्रहण करते हैं. जिनकी जैसी क्षमता होती है वे वैसा उपवास करते हैं. आप चाहे किसी भी तरह का उपवास क्यों न करें, लेकिन बार-बार और बहुत ज्यादा नहीं खाना चाहिए. क्योंकि ऐसा व्रत करने से व्रत का फल नहीं मिलता है. यदि आप फलाहार करते हैं तो एक या दो समय ही फलाहार लें. वहीं अधोपवास करते हैं तो एक समय ही भोजन करें. नवरात्रि व्रत में दिनभर उपवास रहें और रात में ही एक बार भोजन करें. यह भी कोशिश करें कि रात में किए जाने वाले भोजन को रात में ही बनाएं. यानी भोजन को बहुत समय पहले से बनाकर तैयार न करें.



नवरात्रि व्रत के दौरान भूलकर न खाएं ये चीजें


नवरात्रि व्रत के दौरान सफेद नमक से बना भोजन न करें. भोजन पकाने के लिए सेंधा नमक का प्रयोग करें. साथ ही नवरात्रि में लहसुन-प्याज भी निषेध माना जाता है. क्योंकि इसे तामसिक पदार्थ माना गया है. इसके साथ ही नवरात्रि की सप्तमी तिथि को ताड़ का फल, अष्टमी तिथि को नारियल और लाल साग नहीं खाना चाहिए. वहीं नवमी तिथि को लौकी का सेवन न करें. इस दिन लौकी का सेवन करना गौ मांस के सेवन के समान माना गया है.


ये भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस बार शुभ योग से होगी, मां की बरसेगी कृपा



Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.