Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि का पांचवां दिन आज, मां स्कंदमाता को प्रिय है ये खास रंग
Maa Skandamata Favourite Colour: नवरात्रि में पूरे नौ दिन देवी मां के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है. नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है.
Chaitra Navratri 5th Day: 13 अप्रैल यानी आज चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन है. इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. ममतामयी मां स्कंदमाता स्कंद कुमार भगवान कार्तिकेय की माता हैं. देवी की गोद में स्कंद देव बैठे हुए हैं. देवी की पांचवी शक्ति की पूजा से साधक के संतान प्राप्ति के योग बनते हैं.
मां के इस स्वरूप की पूजा करने से बुद्धि और चेतना बढ़ती है. मां स्कंदमाता को विद्यावाहिनी, माहेश्वरी और गौरी के नाम से भी जाना जाता है. सिंह पर सवार माता अपने गोद में भगवान कार्तिकेय को लिए हुए मां एक खास संदेश देती हैं कि संकार के बंधनों में बंधकर भी भक्ति के मार्ग पर चला जा सकता है.
स्कंद का अर्थ भगवान कार्तिकेय और माता का अर्थ मां है. इसलिए इनके नाम का अर्थ ही स्कंद की माता है. इनकी पूजा करने से भक्तों को सुख, ऐश्वर्य और मोक्ष प्राप्त होता है. मां स्कंदमाता भक्तों की सारी मनोकामनाएं भी पूरी करती हैं.
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मां स्कंदमाता का प्रिय रंग
स्कंदमाता का प्रिय रंग पीला और सफेद है. नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा में सफेद या फिर पीला रंग पहनना बहुत शुभ माना जाता है. श्वेत रंग शुद्धता, पवित्रता, विद्या, सुख और शांति का प्रतीक है. वहीं पीला रंग प्रकाश, ज्योति और प्रसन्नता का प्रतीक माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार, स्कंदमाता बुध ग्रह को नियंत्रित करती हैं. इनकी पूजा करने से बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं.
स्कंदमाता देती हैं ये सीख
स्कंदमाता भक्तों को एकाग्र रहना सिखाती हैं. वह बताती हैं कि जीवन अच्छे-बुरे के बीच एक देवासुर संग्राम है और हम खुद अपने सेनापति हैं. स्कंदमाता की पूजा करते रहने से हमें सैन्य संचालन की शक्ति मिलती रहती है. उनकी पूजा-आराधना से साधक को परम शांति और सुख का अनुभव होता है.
स्कंदमाता का यह रूप बताता है कि मोह माया में रहते हुए भी किस तरह बुद्धि और विवेक से असुरों का नाश करना चाहिए. माता को अपने पुत्र से अधिक प्रेम है इसलिए इन्हें अपने पुत्र के नाम के साथ संबोधित किया जाना अच्छा लगता है.
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