Chaitra Navratri Havan Vidhi: नवरात्रि में घर पर खुद इस आसान विधि से करें हवन, जान लें पूजन सामग्री और मंत्र
Chaitra Navratri Havan Samagri: नवरात्रि का समापन हवन के साथ किया जाता है. अगर आप भी घर पर ही हवन करना चाहते हैं तो इसकी सरल विधि और हवन सामग्री का सारी जानकारी जुटा लें.
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Chaitra Navratri Puja 2024: चैत्र नवरात्रि का समापन 17 अप्रैल, रामनवमी के दिन होगा. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व होता है. इस दिन हवन के साथ ही पूजा का समापन माना जाता है.
नवरात्रि में हवन करने से शुभ परिणाम मिलता है. माना जाता कि नवरात्रि में हवन करने से माता रानी प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. नवरात्रि में हवन करने से आरोग्य का वरदान मिलता है. अगर आप मंदिर जाकर हवन नहीं कर सकते तो आप घर पर खुद ही सरल विधि से हवन कर सकते हैं.
नवरात्रि हवन सामग्री
हवन करने के लिए सबसे पहले हवन की सारी सामग्री घर पर एकत्रित कर लें. सबसे पहले एक हवन कुंड का इंजताम करें. इसके बाद धूप, जौ, नारियल, गुग्गुल, मखाना, काजू, किसमिस, छुहारा, मूंगफली, बेलपत्र, शहद, घी, सुगंध, अक्षत इकट्ठा कर लें.
हवन की इन सारी सामग्री को मिलाकर हविष्य बना लें. हविष्य हवन की अग्नि में डालने वाली सामग्री को कहा जाता है. हवन के लिए अग्नि प्रज्जवलित करने लिए रूई, आम की लकड़ी, चंदन की लकड़ी, कपूर और माचिस रख लें.
ऐसे करें हवन
एक उचित स्थान देखकर उस पर 8 ईंट जमाकर हवन कुंड बना लें. आप बाजार से भी बने बनाए हवन कुंड ला सकते हैं. हवन कुंड के पास धूप-दीप प्रज्वलित करें. कुंड पर स्वास्तिक बनाकर नाड़ा बांधें और इसकी पूजा करें. हवन कुंड में आम की लकड़ी से अग्नि प्रज्वलित करें. अब इस अग्नि में फल, शहद, घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की मंत्रों के साथ आहुति दें.
हवन में करें इन मंत्रों का जाप
सबसे पहले ॐ आग्नेय नम: स्वाहा बोलकर अग्निकुंड में पादर्थों की आहुति दें. ॐ गणेशाय नम: स्वाहा। नाम से आहुति दें. इसके बाद नवग्रहों के देवाताओं के नाम की आहुति दें. इसके बाद कुल देवता और स्थान देवता की आहुति दें. अब माता दुर्गा के सभी नामों से हवन कुंड में आहुति दें. जैसे ॐ दुर्गाय नम: स्वाहा। ॐ गौरियाय नम: स्वाहा.
इसके बाद सप्तशती या नर्वाण मंत्र का जाप करें और आहुति दें. पूर्ण आहुति में 'ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा।' का जाप करें और यथाशक्ति दक्षिणा माता के पास रख दें. अब परिवार सहित आरती करके हवन संपन्न करें और माता से क्षमा मांगते हुए मंगलकामना करें.
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