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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि पर व्रत और घटस्थापना नहीं कर पाएं हैं तो परेशान न हों, ये करके भी पा सकते हैं मां की कृपा
Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि का पर्व सभी के लिए विशेष महत्व रखता है. इस पर्व पर यदि कोई व्रत नहीं रख पा रहा है या किसी कारणवश घर पर चौकी या घटस्थापना नहीं कर पा रहा हैं तो परेशान न हों.
Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि में घटस्थापना, नौ दिन तक नियमित पूजा-पाठ, अखंड ज्योति का ध्यान रखना, हवन, कन्या पूजन (Kanya Pujan) आदि कार्य किसी कारणवश संभव नहीं हैं तो परेशान न हो.
आपकी मां दुर्गा (Maa Durga) के प्रति सच्ची श्रद्धा है. भक्ति है. तो आप अपनी व्यस्तता से नौ दिनों तक केवल पांच से दस मिनट का समय निकालें और प्रतिदिन मां के एक स्वरूप की पूजा कर अपनी कामना की पूर्ति कर सकते हैं. कैसे? आइए जानते हैं-
प्रतिपदा से नवमी तक हर तिथि का अपना महत्व है. नौ दिन में माता के सभी नौ रूपों की पूजा व मंत्र जाप करके अपनी मनोकामना पूर्ति के साथ-साथ मां का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है. इसके लिए इन बातों का ध्यान रखना होगा-
- प्रतिपदा के दिन माता शैलपुत्री का ध्यान व पूजा करके गाय के घी का दीपक प्रज्जवलित कर घी से बना नैवैद्य अर्पित करें और ऊँ ह्यीं श्रीं शैलपुत्री देव्यै नमः मंत्र की एक माला का जाप करें.
- द्वितीया तिथि यानि दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी माता का ध्यान व पूजा करें. उन्हें शक्कर का भोग लगाकर, वह शक्कर किसी को दान कर दें और ऊँ ह्यीं श्रीं ब्रह्मचारिणी देव्यै नमः मंत्र की एक माला का जाप करें.
- तृतीया तिथि के दिन चन्द्रघंटा माता का ध्यान व पूजा करें. पूजा में दूध का उपयोग करें व उस दूध का दान कर दें और ऊँ ह्यीं श्रीं चन्द्रघण्टा देव्यै नमः मंत्र की एक माला का जाप करें.
- चतुर्थी तिथि पर कुष्माण्डा माता का ध्यान करें. माता को मालपुआ का नैवेद्य अर्पित करें व ब्राह्मण को दान कर दें. ऊँ ह्यीं श्रीं कूष्माण्डा देव्यै नमः की एक माला जाप करें.
- पंचमी तिथि को स्कंध माता का ध्यान व पूजा करें. केले का प्रसाद चढाएं व प्रसाद ब्राह्मण को दान कर दें. ऊँ ह्यीं श्रीं स्कंन्द माता देव्यै नमः मंत्र की एक माला का जाप करें.
- षष्ठी तिथि पर कात्यायनी माता का ध्यान व पूजा करें. शहद से माता का पूजन करने के बाद शहद दान कर दें. ऊँ श्री ह्यीं कात्यायनी देव्यै नमः मंत्र की एक माला का जाप करें.
- सप्तमी तिथि को माता कालरात्रि का ध्यान व पूजा करें. गुड़ का नैवेद्य अर्पित कर इसे ब्राह्मण को दान करे. ऊँ ह्यीं श्रीं कालरात्रि देव्यै नमः मंत्र की एक माला जाप करें.
- अष्टमी तिथि पर महागौरी माता का ध्यान व पूजा करें. नारियल का भोग लगाएं तथा नारियल ब्राह्मण को दान कर दें. सर्व मंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्येत्रयंब्के गौरी नारायणी नमस्तुते मंत्र की एक माला का जाप करें.
- वहीं नववीं तिथि को माता सिद्धिदात्री का ध्यान व पूजा करें. इस दिन काले तिल का नैवेद्य बनाकर अर्पण करें और इसका दान कर दें. ऊँ ह्यीं श्रीं सिद्धिदात्री देव्ये नमः मंत्र की एक माला का जाप करें.
- ऐसा करने से आपको आरोग्य, दीर्घायु, ज्ञान व बुद्धि का आशीष मिलेगा, कामनाओं की पूर्ति होगी.
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