(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chaitra Navratri 2025 Date: चैत्र नवरात्रि 2025 में कब, नोट कर लें अगले साल 9 दिनों की पूजा की तारीख
Chaitra Navratri 2025 Date: नौ दिनों तक चलने वाले चैत्र नवरात्रि का समापन आज 17 अप्रैल 2024 को हुआ. आइये जानते हैं अब अगले साल 2025 में चैत्र नवरात्रि कब पड़ेगी और किस तिथि में किस देवी की पूजा होगी.
Chaitra Navratri 2025 Date: चैत्र नवरात्रि हर साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक होती है. इस दौरान नौ दिनों तक मां भगवती के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवदुर्गा की पूजा करने, ध्यान और भक्ति के माध्यम से आत्मा शुद्ध करने और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाने के लिए नवरात्रि का समय श्रेष्ठ होता है.
नवरात्रि 'नव' और 'रात्रि' से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है नौ रातें. इस साल चैत्र महीने की नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हुई और इसका समापन 17 अप्रैल 2024 को हुआ. लेकिन अगले साल 2025 में चैत्र नवरात्रि का पर्व कब मनाया जाएगा और किस तिथि में किस देवी की पूजा होगी आइये जानते हैं.
2025 में चैत्र नवरात्रि कब (Chaitra Navratri 2025 Date)
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र शुक्ल की प्रथमा या प्रतिपदा से शुरू होती है और रामनवमी के दिन इसका समापन होता है. 2025 में चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि रविवार, 30 मार्च 2025 को रहेगी और 7 अप्रैल 2025 को महानवमी के दिन इसका समापन होगा.
चैत्र नवरात्रि 2025 नौ दिनों की पूजा की तिथि |
तिथि | देवी | वार | दिनांक |
चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा | मां शैलपुत्री | रविवार | 30 मार्च 2025 |
चैत्र नवरात्रि द्वितीय | मां ब्रह्मचारिणी | सोमवार | 31 मार्च 2025 |
चैत्र नवरात्रि तृतीया | मां चंद्रघंटा | मंगलवार | 01 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि चतुर्थी | मां कूष्मांडा | बुधवार | 02 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि पंचमी | मां स्कंदमाता | गुरुवार | 03 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि षष्ठी | मां कात्यायनी | शुक्रवार | 04 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि सप्तमी | मां कालरात्रि | शनिवार | 05 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि अष्टमी | मां महागौरी | रविवार | 06 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि नवमी | मां सिद्धीदात्री | सोमवार | 01 अप्रैल 2025 |
चैत्र नवरात्रि 2025 में किस वाहन से आएंगी मां
इस साल चैत्र नवरात्रि पर माता रानी का आगमन घोड़े पर हुआ था. लेकिन 2025 में मां हाथी पर सवार होकर आएंगी. हाथी पर माता रानी का आना शुभ होता है. यह अधिक वर्षा और समृद्धि का सूचक है. लेकिन मां भैंस पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी, जोकि शुभ नहीं है. इसका अर्थ यह है कि देश में रोग-शोक में वृद्धि होगी.
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