Chanakya Niti Hindi: चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वान मानें जाते हैं. चाणक्य को आचार्य चाणक्य भी कहा जाता है. चाणक्य स्वयं के एक शिक्षक थे. शिक्षक होने के साथ साथ चाणक्य को राजनीति और कूटनीति का प्रकांड विद्वान भी माना जाता है. इसके साथ चाणक्य को अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र और नैतिक शास्त्र आदि विषयों का बहुत अच्छा ज्ञान भी था.


विश्वविख्यात तक्षशिला विश्वविद्यालय से चाणक्य का नाता था. चाणक्य इस विश्वविद्यालय के छात्र थे, बाद में अपनी योग्यता और प्रतिभा के बल पर वे तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य भी बनें. चाणक्य ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र की प्रगति के लिए समर्पित कर दिया था. वे भारत को महान और सशक्त बनाना चाहते हैं. वे राष्ट्रप्रेम से परिपूर्ण व्यक्ति थे. चाणक्य की शिक्षाए और उनके द्वारा बताई गई बातें आज भी लोगों को बेहतर बनने के लिए प्रेरित करती हैं. यही कारण है कि इतने वर्ष बीत जानें के बाद भी चाणक्य की चाणक्य नीति की उपयोगिता और प्रासंगिकता कम नहीं हुई है. आज भी बड़ी संख्या में लोग चाणक्य नीति का अध्ययन कर अपनी समस्याओं का हल तलाशते हैं और जीवन जीने की कला को सीखते हैं. 


चाणक्य ने जीवन में ज्ञान को अति आवश्यक बताया है. लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण उन्होंने गुरु को बताया है. चाणक्य का मानना था कि गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है. जीवन में गुरु की क्या भूमिका है इस पर चाणक्य ने कुछ बातें बताई हैं-


गुरु ज्ञान का कारक है
चाणक्य के अनुसार गुरु से ज्ञान प्राप्त होता है, गुरु अपनी शिक्षा और अनुभव जो ज्ञान प्रदान करता है वो ठीक उसी प्रकार से जीवन में काम आता है जिस प्रकार से एक रोगी के लिए औषधि. दवा जिस प्रकार से रोग को नष्ट करती है उसी तरह से ज्ञान हर प्रकार के अंधकार को नष्ट करता है और जीवन में रोशनी प्रदान करता है.


गुरु बिना सफलता संभव नहीं है
चाणक्य के अनुसार जीवन में सफलता तभी प्राप्त होती है जब सही और योग्य गुरु की प्राप्ति होती है. जीवन में योग्य गुरु की प्राप्ति श्रेष्ठ उपहार से काम नहीं है. ज्ञान का प्रयोग किस तरह से करना चाहिए इस बारे में गुरु का मार्गदर्शन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. इसलिए जीवन में सदैव गुरु का सम्मान करना चाहिए.


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