Chanakya Niti Hindi: चाणक्य भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में से एक हैं. आचार्य चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ साथ राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र का भी अच्छा ज्ञान था. चाणक्य विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य थे. चाणक्य ने अपने अनुभव और ज्ञान से जो समझा और जाना उसे अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में स्थान दिया. चाणक्य नीति का आज भी लोग अध्ययन करते हैं और इसकी शिक्षाओं को अपनाकर अपने जीवन को सफल और सुगम बनाने का प्रयास करते हैं. वर्तमान समय में एक बार फिर देश में कोरोना यानि कोविड 19 की लहर दिखाई देने लगी है. 


चाणक्य के अनुसार जब महामारी या बड़ा संकट आ जाए तो व्यक्ति को बहुत ही सतर्क और सावधान हो जाना चाहिए. कोरोना को महामारी माना गया है. चाणक्य की मानें तो संकट के समय व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए. संकट के समय व्यक्ति को सकारात्मक दृष्टिकोण से सोचना चाहिए. दुखी और भयभीत होने से समस्या का निदान नहीं किया जा सकता है. इसलिए इन बातों को याद रखना चाहिए-


हिम्मत नहीं हारनी चाहिए
चाणक्य के अनुसार कोई भी युद्ध बिना हिम्मत के नहीं जीता जा सकता है. महामारी या संकट के समय व्यक्ति को अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना चाहिए और समस्या के निदान और बचाव के बारे में निरंतर चिंतन और मंथन करते रहना चाहिए. 


सकारात्मक सोचें, दूसरों को भी प्रेरित करें
चाणक्य के अनुसार बड़ा संकट आने पर ही व्यक्ति की प्रतिभा की पहचान होती है. संकट की स्थिति में व्यक्ति को सकारात्मक सोचना बंद नहीं करना चाहिए. सकारात्मक सोच ही व्यक्ति को बड़ी मुसीबत से बाहर निकालने में मदद करती है. यही नहीं दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए. 


शत्रु शक्तिशाली हो तो छिप जाना चाहिए
चाणक्य के अनुसार शत्रु जब अधिक शक्तिशाली हो तो छिप जाने में ही भलाई है. शक्तिशाली शत्रु को ललकराने से पराजित सुनिश्चित है. शक्तिशाली और अदृश्य शत्रु को जोश से नहीं होश से पराजित करना चाहिए. 


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