(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chanakya Niti : माता पिता से मिले संस्कार संतान को बनाते हैं महान और सफल, जानें चाणक्य नीति
Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती कि बच्चों की प्रथम पाठशाला घर है. जहां पर वे माता पिता से संस्कार सीखते हैं. संस्कारों से युक्त संतान ही महान और सफल बनती है.
Chanakya Niti Hindi: चाणक्य के अनुसार हर माता पिता अपनी संतान को योग्य और कुशल बनाना चाहती है. इसलिए माता पिता कठोर परिश्रम करते हैं. संतान के बेहतर भविष्य के लिए माता पिता अपनी खुशियों तक का त्याग कर देते हैं. संतान के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए माता पिता किन किन कष्टों से गुजरते हैं, इसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है.
चाणक्य स्वयं एक योग्य शिक्षक थे. उनके जीवन का बड़ा हिस्सा विद्यार्थियों के बीच गुजरा. चाणक्य संस्कारों की अहमियत को जानते थे. चाणक्य का मानना था कि संस्कार के बिना ज्ञान का सही प्रयोग संभव नहीं है. संस्कार से ज्ञान का महत्व बढ़ जाता है.
चाणक्य की मानें तो जीवन में यदि सफल और महान बनना है तो संस्कारवान बनना ही होगा. संतान को संस्कार माता पिता से मिलते हैं. इसलिए संतान के लालन पालन में संस्कारों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. छोटे बच्चों पर माता पिता के आचरण का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. वे घर में ही रह कर सीखते हैं. इसलिए बच्चों के मामले में माता पिता को अधिक सजग और गंभीर रहना चाहिए और इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
बच्चों को नैतिक गुणों के महत्व के बारे में बताएं
चाणक्य के अनुसार बच्चों में आरंभ से ही नैतिक गुणों के बारे में बताना चाहिए. बच्चों को महापुरुषों के बारे में बताना चाहिए. बच्चों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए. इसके लिए प्रेरित करना चाहिए.
बच्चों के सामने गलत आचरण प्रस्तुत न करें
माता पिता को बच्चों के सामने सदैव अच्छा आचरण करना चाहिए. भाषा शैली का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. इसके साथ ही दूसरों के साथ भी उचित व्यवहार करना चाहिए. क्योंकि जो माता पिता करते हैं, संतान भी वही करने का प्रयास करती है.
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