Chanakya Niti Hindi: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को यदि सम्मान प्राप्त करना है तो सबसे पहले दूसरों को सम्मान देना, सीखना चाहिए. जिस प्रकार से अच्छा वक्ता बनने के लिए अच्छा श्रोता होना जरूरी है, उसी प्रकार से सम्मान पाने के लिए पहले दूसरों को सम्मान देना आना चाहिए.
चाणक्य श्रेष्ठ विद्वान थे. चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को जीवन में सफल बनने के लिए प्रेरित करती है. यही वजह है कि वर्तमान समय भी चाणक्य नीति की प्रासंगिकता कायम है. चाणक्य को विभिन्न विषयों की जानकारी थी. चाणक्य को अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र के साथ साथ नैतिक शास्त्र की भी अच्छी जानकारी थी.
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति दूसरों के सम्मान का ध्यान रखते हैं. उनके प्रति संवेदनशील रहते हैं. ऐसे लोगों को मां लक्ष्मी का आर्शीवाद प्राप्त होता है. चाणक्य के समाज में सम्मान पाना चाहते हैं इन बातों का सदैव ध्यान में रखें.
सामने वाले व्यक्ति का कभी उपहास नहीं करना चाहिए
चाणक्य के अनुसार समाने वाले व्यक्ति का उपहास नहीं करना चाहिए. हर व्यक्ति का अपना सम्मान होता है. इस सम्मान को कभी ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए. जो लोग ऐसा करते हैं वे कभी लोगों का समर्थन और सहयोग प्राप्त नहीं कर पाते है. जीवन में जब बुरा वक्त आता है तो ऐसे लोगों को कष्ट उठाने पड़ते हैं.
अपमान करने की आदत से बचना चाहिए
चाणक्य के अनुसार जो लोग हमेशा दूसरों का अपमान करते रहते हैं ऐसे लोग किसी के प्रिय नहीं होते हैं. अपमान करना अहंकार की निशानी माना गया है. अहंकार से युक्त व्यक्ति से लोग दूरी बना कर चलते हैं. अहंकार में व्यक्ति अच्छे बुरे का अंतर भूल जाता है. जिस कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.