Chanakya Niti: लक्ष्मी जी और मां सरस्वती को आर्शीवाद चाहिए तो इन बातों पर करें अमल, जानें चाणक्य नीति
Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि जिस व्यक्ति के पास ज्ञान है, उसके लिए धन की प्राप्ति कोई जटिल कार्य नहीं है.
Chanakya Niti Hindi: चाणक्य ने सरस्वती जी को ज्ञान की देवी और लक्ष्मी जी को धन की देवी माना है. ज्ञान की प्राप्ति होने पर मां लक्ष्मी की स्वंत: ही कृपा प्राप्त हो जाती है इसलिए व्यक्ति को पहले ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रयास करने चाहिए. यानि जो व्यक्ति मां सरस्वती का आर्शीवाद प्राप्त करने में सफल हो जाता है उसे बड़ी सहजता से लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त हो जाती है.
चाणक्य स्वयं एक श्रेष्ठ विद्वान थे. चाणक्य शिक्षाविद् भी थे. चाणक्य का संबंध विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्व विद्यालय से था. चाणक्य ने तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और बाद में वे इसी विश्वविद्यालय में प्राचार्य बने. जीवन में शिक्षा का महत्व क्या है, इसका पूर्ण आभास और अनुभव चाणक्य था. चाणक्य स्वयं कई विषयों के जानकार और विशेषज्ञ थे. चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ, राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र, समाज शास्त्र और सैन्य शास्त्र का भी पूर्ण ज्ञान था.
चाणक्य के अनुसार ज्ञान ही वह प्रकाश है जो हर प्रकार के अंधकार को दूर करने में सक्षम है. इसीलिए उन्होंने शिक्षित बनने पर अधिक बल दिया. चाणक्य के अनुसार जिसके पास ज्ञान है, वही लक्ष्मी जी का सही प्रयोग कर सकता है. लक्ष्मी जी का स्वभाव चाणक्य ने बहुत ही चंचल बताया है. चाणक्य का मानना था कि यदि मां सरस्वती का आर्शीवाद प्राप्त हो जाता है तो मां लक्ष्मी जी का भी आर्शीवाद आसानी से प्राप्त हो जाता है. इन दोनों देवियों का यदि आर्शीवाद चाहिए तो इन बातों पर अमल करना चाहिए.
परिश्रम करने से पीछे न हटें चाणक्य के अनुसार सफल होने की प्रथम शर्त परिश्रम है. जो व्यक्ति परिश्रम करने से नहीं घबराता है और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठोर परिश्रम करता है. ऐसे व्यक्ति को सरस्वती और माता लक्ष्मी का आर्शीवाद अवश्य मिलता है.
कठोर अनुशासन का पालन करना चाहिए चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने जीवन में शिक्षा पूर्ण करने के लिए कठोर अनुशासन का पालन करता है. समय से शिक्षा ग्रहण करता है, समय पर भोजन करता है. समय पर सोता है, ऐसे व्यक्ति को सफलता निश्चित मिलती है.