Chanakya Niti: धन आने पर न करें अहंकार, पैसे से इन चीजों को नहीं खरीदा जा सकता
Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को जीने की राह दिखाती है. धन आने पर अहंकार से बचना चाहिए. चाणक्य कहते हैं कि धन से सभी चीजें नहीं खरीदी जा सकती हैं.
Chanakya Niti Hindi: चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य ने अपनी शिक्षाओं को चाणक्य नीति में दर्ज किया है. सैकड़ों साल बीत जाने के बाद भी चाणक्य नीति के प्रति लोगों का लगाव और आकर्षण कम नहीं हुआ है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि चाणक्य की चाणक्य नीति लोगों को अंधेरे में प्रकाश दिखाने का कार्य करती है. यही वजह है कि आज भी बड़ी संख्या में लोग चाणक्य की चाणक्य नीति का अध्ययन करते हैं और उसमें लिखी बातों पर अमल करते हैं.
चाणक्य के अनुसार लक्ष्मी जी धन की देवी हैं. धन की देवी लक्ष्मी जी का स्वभाव बहुत ही चंचल है. इसीलिए धन एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं रूकता है. इसलिए जो लोग धन आने पर अहंकार में डूब जाते हैं वे आगे चलकर बहुत अधिक कष्ट उठाते हैं.
चाणक्य के अनुसार धन से भौतिक जीवन को सुगम और सरल बनाने वाले साधनों को खरीदा जा सकता है लेकिन पूर्ण मानसिक शांति की प्राप्ति के लिए धर्म और अध्यात्म के महत्व को जानना चाहिए. जहां धर्म व्यक्ति को अनुशासित बनाता है. वहीं अध्यात्म की शक्ति से व्यक्ति के मन और मस्तिष्क का पूर्ण विकास होता है. वहीं मित्र, परिवार और रिश्ते ये सभी अनमोल हैं, इन्हें धन से नहीं खरीदा जा सकता है.
प्रेम को धन से नहीं खरीदा जा सकता है
चाणक्य की मानें तो प्रेम को धन से नहीं खरीदा जा सकता है. प्रेम के अहसास को सिर्फ महसूस किया जा सकता है. प्रेम आस्था से पनपता है. जो प्रेम के महत्व को जान लेता है उसके लिए संसार एक परिवार के समान लगने लगता है. इसलिए प्रेम की शक्ति को पहचानना चाहिए.
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