Chanakya Niti: धनतेरस पर जान लें चाणक्य की धन से जुड़ी बात, इन चार चीजों का ध्यान रखने से बरसती है लक्ष्मी जी की कृपा
Chanakya Niti For Motivation : धनतेरस का पर्व आज है. ये पर्व लक्ष्मी जी से जुड़ा है. चाणक्य ने लक्ष्मी जी को धन की देवी कहा है. लक्ष्मी जी की कृपा पाना चाहते हैं इस बात को जान लें.
Chanakya Niti in Hindi, Chanakya Niti For Motivation : चाणक्य नीति कहती है कि धन की रक्षा करनी चाहिए. धन परिश्रम से प्राप्त होता है. धन की देवी लक्ष्मी हैं. आज धनतेरस का पर्व है. हिंदू धर्म में इस पर्व को विशेष महत्व प्राप्त है. इस दिन कुबेर देवता और लक्ष्मी जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.
लक्ष्मी जी की कृपा से सम्मान और सुख प्राप्त होता है. इसी कारण हर व्यक्ति लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहता है. लक्ष्मी जी का आशीर्वाद कठोर परिश्रम से प्राप्त होता है. आइए जानते हैं आज की चाणक्य नीति-
संघर्ष के दिनों को याद रखें
चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति के अपने संघर्ष के दिनों को भूलाना नहीं चाहिए. जो लोग पुराने दिनों को भूल जाते हैं, ऐसे लोगों को लक्ष्मी जी का आशीर्वाद कभी प्राप्त नहीं होता है. इस लिए बीते दिनों से संघर्ष करने की प्रेरणा लेकर कार्यों को करते रहना चाहिए.
अहंकार कभी न करें
चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए. जो लोग पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करने के बाद अहंकार करने लगते हैं, लक्ष्मी जी ऐसे लोगों का साथ बहुत जल्द छोड़ देती हैं. ऐसे लोगों के सम्मान कमी आने लगती है. धन आने पर अहंकार नहीं करना चाहिए. जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अहंकार अवगुण है, इससे दूर रहने का प्रयास करें.
क्रोध से दूरी बनाएं
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को क्रोध से दूर रहना चाहिए. क्रोध सबसे खतरनाक अवगुण है, जो एक पल में ही सबकुछ नष्ट कर सकता है. क्रोध को व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु माना गया है. धन आने पर क्रोध से दूर रहना चाहिए और विनम्रता को अपनाना चाहिए.
मीठी वाणी बोलिए
चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को ऐसी वाणी बोलनी चाहिए जो स्वयं और दूसरों के कानों को मीठी लगे. कठोर वचन बोलने से बचना चाहिए. मधुर वाधी में सफलता का राज छिपा है. इसे पहचाने की कोशिश करें. जिन लोगों की वाणी खराब होती हैं और दूसरों का अपमान करते हैं. ऐसे लोगों को लक्ष्मी जी पसंद नहीं करती हैं. लक्ष्मी जी ऐसे लोगों का त्याग कर देती हैं. मधुर वाणी में अपार शक्ति होती है. मधुर वाणी शत्रु को भी मित्र बनाने की क्षमता रखती है.