Chanakya Niti For Motivation in Hindi: चाणक्य नीति कहती है कि हर सफल व्यक्ति के ज्ञात और अज्ञात शत्रु होते है. चाणक्य ने दो प्रकार के शत्रुओं के बारे में बताया है. एक वो जो दिखाई देते हैं, यानि जिन्हे हम जानते हैं और देख सकते हैं. वहीं दूसरे प्रकार के शत्रु वे होते हैं जो दिखाई नहीं देते हैं, और छिप कर हानि पहुंचाने का कार्य करते हैं.
चाणक्य को आचार्य चाणक्य भी कहा जाता है. चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ साथ कूटनीति शास्त्र और राजनीति शास्त्र आदि जैसे विषयों की भी जानकारी थी. चाणक्य ने समाज का बहुत ही गराई से अध्ययन किया था. चाणक्य ने हर उस चीज के बारे में गंभीरता से चिंतन किया था जो मनुष्य को प्रभावित करती है. चाणक्य को मानना था कि जब व्यक्ति सफलता के सोपान को स्पर्श करने लगता है, तो उसके कई शत्रु भी हो जाते हैं, जो उसकी सफलता में बाधा पहुंचाने का कार्य करते हैं. ऐसे शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए. ये शत्रु जरा सी लापरवाही पर गंभीर हानि पहुंचाते हैं. इसलिए चाणक्य की इन बातों को जानना बहुत ही जरूरी है.
योजनाओं को साझा करते समय सावधानी बरतें- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अपनी महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर सतर्क और गंभीर रहना चाहिए. क्योंकि कभी कभी व्यक्ति अंजाने में अपनी महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी ऐसे लोगों से साझा कर लेता है, जो प्रतिद्वंदी और शत्रु के लिए बहुत ही लाभकारी साबित होती है. इस योजना की जानकारी हासिल करने के बाद शत्रु आपके कार्य में बाधा डाल सकता है, या हानि पहुंचाने का प्रयास कर सकता है. इसलिए योजनाओं को साझा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
अवगुण- चाणक्य नीति कहती है अवगुणों का जितना जल्दी हो, त्याग कर देना चाहिए. आपके अवगुण, शत्रु के लिए किसी खजाने की चाबी से कम नहीं होते हैं. इन अवगुणों का लाभ उठाकर शत्रु निरंतर हानि और बाधा देने का प्रयास करता है. इसलिए हर प्रकार के अवगुणों से दूर रहने का प्रयास करना चाहिए. अवगुण को ज्ञान और आध्यात्म से नष्ट किया जा सकता है.
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