Chanakya Niti: चाणक्य की इन 4 बातों में छिपा है शत्रु को पराजित करने का रहस्य, आप भी इन बातों को जान लें
Chanakya Niti For Motivation in Hindi: चाणक्य नीति कहती है कि शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए. शत्रु हानि न पहुंचा सके इसके लिए कुछ बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए.
Chanakya Niti For Motivation in Hindi: चाणक्य नीति के अनुसार शत्रु सदैव कमजोर स्थितियों का लाभ उठाने का प्रयास करते हैं. शत्रु को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. शत्रु तभी हमला करता है जब व्यक्ति लापरवाह हो जाता है और शत्रु की चाल पर नजर नहीं रखता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार हर सफल व्यक्ति के कोई न कोई शत्रु अवश्य होते हैं. ये शत्रु सफलता में बाधक होते हैं. ये समय समय पर कार्यों को बाधित करने का प्रयास करते हैं. शत्रु सदैव सफलता के मार्ग में अवरोध पैदा करने की कोशिश करते हैं. शत्रु को पराजित और इनसे बचने के लिए चाणक्य ने कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं. इन बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. ये बातें कौन सी हैं आइए जानते हैं-
शक्ति में वृद्धि करना- चाणक्य नीति कहती है कि शत्रु को यदि पराजित करना है तो स्वयं की शक्ति में निरतंर वृद्धि करते रहने का प्रयास करना चाहिए. शक्तिशाली होने पर शत्रु हानि पहुंचाने से पहले कई बार सोचने पर मजबूर हो जाता है. जिस प्रकार से रोग शरीर को कमजोर करता है, उसी प्रकार से शक्ति क्षीण होने पर शत्रु हमला करने के बारे में विचार करता है. इसलिए व्यक्ति को अपनी शक्ति, कुशलता और ज्ञान में निरंतर वृद्धि करते रहना चाहिए.
योजनाओं को लेकर सतर्क रहें- चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अपनी योजनाओं को लेकर सावधान रहना चाहिए. महत्वपूर्ण कार्यों की योजनाओं को साझा करते समय सावधानी न बरती जाए तो शत्रु इसका लाभ उठाने का प्रयास करता है. इसलिए हर किसी से योजनाओं को साझा करने से बचना चाहिए. कार्य पूर्ण होने तक व्यक्ति को धैर्य बनाकर रखना चाहिए.
विनम्रता- चाणक्य नीति कहती है कि अहंकार से व्यक्ति को दूर रहने का प्रयास करना चाहिए. अहंकार शत्रु की संख्या में वृद्धि करता है. अहंकार करने वाले व्यक्ति के शत्रु अधिक होते हैं. वहीं जिस व्यक्ति का व्यवहार सरल और विनम्र होता है, ऐसे लोगों के शत्रु भी कम होते हैं. विनम्रता सभी को प्रभावित करती है. विनम्रता, श्रेष्ठ गुणों में से एक माना गया है. विनम्रता से शत्रु भी घबराता है. विनम्र व्यक्ति सभी का प्रिय होता है. ऐसे लोगों को सभी स्नेह प्राप्त होता है.
मधुर वाणी- चाणक्य के अनुसार व्यक्ति की वाणी मधुर होनी चाहिए. मधुर वाणी सभी को प्रभावित करती है. ऐसे व्यक्ति को सम्मान प्राप्त होता है. मधुर वाणी बोलने वाले व्यक्ति के शत्रु भी कम होते हैं.
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