Chanakya Niti For Motivation in Hindi: चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. चाणक्य स्वयं एक शिक्षक थे. इसीलिए चाणक्य को आचार्य चाणक्य के नाम से भी जाना जाता है. चाणक्य ने अपने जीवन में विभिन्न विषयों का अध्यन किया. अनुभव और परिस्थितियों के आधार चाणक्य ने पाया कि व्यक्ति यदि गंभीर और जागरूक है और अपनी जिम्मेदारियों को लेकर सजग है तो उसे धरती पर ही स्वर्ग की प्राप्ति हो सकती है. इसके साथ ही चाणक्य ने कुछ ऐसी चीजों के बारे में भी बताया है, जो व्यक्ति को धरती पर ही स्वर्ग जैसा सुख प्रदान करने में सहायक हैं. इनके बारे में आइए जानते हैं-


पुत्र आज्ञाकारी हो- चाणक्य नीति कहती है कि जिस पिता की संतान आज्ञाकारी हो उसके पिता के लिए धरती पर स्वर्ग है. जिस पिता की संतान उसका ध्यान रखने वाली हो, उचित आदर और सम्मान प्रदान करती हो, ऐसे पिता अति भाग्यशाली होता है. पिता का जीवन सुखों से भर जाता है. ऐसे पिता के मान सम्मान में भी वृद्धि होती है. योग्य संतान का सुख किसी स्वर्ग की प्राप्ति से कम नहीं है. ऐसे पिता को अपनी संतान पर गर्व होता है. 


पत्नी का पूर्ण सहयोग मिलना- चाणक्य नीति के अनुसार वो व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली होता है जिसे पत्नी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होता है. चाणक्य के अनुसार पति और पत्नी जीवन रूप रथ के दो पहिए हैं. पत्नी, पति को समझने वाली हो, विपत्ति के समय छाया की तरह साथ खड़ी रहे, उचित मार्गदशर्न करें और हौसला प्रदान करे तो ऐसी पत्नी योग्य कहलाती है. जिस व्यक्ति के पास योग्य पत्नी है उसके लिए धरती पर ही स्वर्ग है. कुशल और बुद्धिमान पत्नी , पति की सफलता में विशेष भूमिका निभाती है. चाणक्य के अनुसार पत्नी की पहचान संकट के समय ही होती है.


अपने धन पर संतोष करें- आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस व्यक्ति के पास संतोष है, उसे दुख कम घेरते हैं. दुख का सबसे बड़ा कारण लोभ है. जो व्यक्ति लोभ से दूर रहता है और अपने धन पर संतोष करता है, उसके लिए इस धरती पर ही स्वर्ग है. धन के लोभ के कारण व्यक्ति अपना सुख और चैन त्याग देते हैं. जिस कारण जीवन में जटिलताएं और परेशानियां जन्म लेती हैं. ये सभी चीजें व्यक्ति के मन और मस्तिष्क को भी प्रभावित करती हैं, जो बाद में उसकी योग्यता और कुशलता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं. 


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