Chanakya Niti Hindi: चाणक्य की चाणक्य नीति व्यक्ति को एक श्रेष्ठ नागरिक बनने के लिए प्रेरित करती है. श्रेष्ठ नागरिक ही जीवन में सफलता प्राप्त करता है. लेकिन जीवन में सफलता प्राप्त करना इतना आसान नहीं है. सफल होने के लिए जीवन में कुछ चीजों का त्याग करना पड़ता है. परिश्रम के पथ पर आगे बढ़ते हुए सफलता के सोपानों को स्पर्श किया जाता है.


चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में कुछ ऐसी बाते बताई हैं जिन्हें व्यक्ति को कभी नहीं भूलना चाहिए. चाणक्य को इसलिए भी भारत का श्रेष्ठ विद्वान कहा जाता है, क्योंकि चाणक्य ने जीवन को बहुत ही करीब से देखा था. चाणक्य कई विषयों के ज्ञानी थे. चाणक्य को अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र और समाज शास्त्र का भी गहरा ज्ञान था. चाणक्य का मानना था व्यक्ति को अपने आचरण को श्रेष्ठ बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए क्योंकि आचरण से ही व्यक्ति अच्छा और बुरा कहलाता है.


धोखा देना बुरी आदत
चाणक्य नीति कहती है कि धोखा देने की आदत या प्रवृत्ति सबसे खराब होती है. इससे दूर ही रहना चाहिए. जो लोग अपने स्वार्थ के लिए और थोड़े से लाभ के लिए दूसरों को धोखा देने से नहीं घबराते हैं, ऐसे लोगों को बाद में बहुत ही कष्टों का सामना करना पड़ता है. धोखा देने से कुछ समय के लिए तो सफलता प्राप्त की जा सकती है, लेकिन जब सच्चाई खुलकर सामने आ जाती है तो ऐसे व्यक्ति को अपयश का सामना करना पड़ता है.


धोखा देने वाले को कोई पसंद नहीं करता
चाणक्य के अनुसार जो दूसरों को धोखा देते हैं, ऐसे व्यक्ति से हर कोई दूरी बनाकर रहता है. ऐसे लोगों की समाज में विश्वसनीयता समाप्त हो जाती है. ऐसे लोगों का कोई सहज विश्वास नहीं करता है.


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