Chanakya Niti Hindi: चाणक्य के अनुसार व्यक्ति की प्रतिभा की परीक्षा संकट के समय ही होती है. जो व्यक्ति मुश्किल वक्त में हौसला नहीं खोता है और चुनौतियों से निपटने के लिए निरंतर संघर्ष करता है, वहीं व्यक्ति विजय प्राप्त करता है. कोरोना का संकट सभी के लिए एक मुश्किल चुनौती है. चाणक्य की चाणक्य नीति चुनौतियों से लड़ने के लिए प्रेरित करती है.


कोरोना को महामारी घोषित किया गया है. चाणक्य के अनुसार जब संकट बड़ा हो तो सभी को एकजुट हो जाना चाहिए. सभी प्रकार के राग-द्वेष भूलाकर इस संकट से कैसे निकला जाए इस दिशा में विचार और प्रयास करना चाहिए. आचार्य चाणक्य के अनुसार संकट कभी बताकर नहीं आता है. जो व्यक्ति किसी भी स्थितियों का सामना करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं और सावधान की स्थिति में रहते हैं वे अवश्य सफल होते हैं. संकट की स्थिति में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आइए जानते हैं.


धैर्य नहीं खोना चाहिए
चाणक्य के अनुसार किसी भी प्रकार का संकट हो, व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए. जो व्यक्ति संकट को देख बिना प्रयास किए ही घबरा जाते हैं वे जीवन में पराजित होते हैं. संकट से बाहर निकलने के लिए रास्ते खोजने चाहिए. अपनी प्रतिभा और ज्ञान का प्रयोग स्वयं और दूसरों को बचाने के लिए करना चाहिए.


मिलजुल कर संकट का मुकाबला करें
चाणक्य के अनुसार जब संकट पूरे देश पर हो तो सभी को एकजुट हो जाना चाहिए. बड़े संकट को एकजुट होकर ही दूर किया जा सकता है. संकट के समय किसी भी सूरत में हौसला नहीं खोना चाहिए. संकट से लड़ने के लिए एक दूसरों को प्रोत्साहित करते रहे. जिस प्रकार से रात के बाद उजाला आता ही आता है उसी प्रकार से कितना ही बड़ा संकट हो, उसे जाना ही पड़ता है.


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