Chanakya Niti Hindi: आचार्य चाणक्य को अर्थशास्त्र के साथ कई अन्य विषयों की भी गहरी जानकारी थी. कहते हैं कि चाणक्य को राजनीति शास्त्र, कूटनीति शास्त्र, समाज शास्त्र के साथ सैन्य शास्त्र की भी अच्छा ज्ञान था. मनुष्य को प्रभावित करने वाली प्रत्येक चीज का चाणक्य ने बहुत ही गहराई से अध्ययन किया और अनुभव की कसौटी पर कसा.
चाणक्य का मानना था कि व्यापारी वही श्रेष्ठ है जो धन प्राप्त करने के लिए सात समुद्र पार जाने के लिए तैयार रहे. चाणक्य ने लक्ष्मी जी को धन की देवी कहा है. चाणक्य के अनुसार लक्ष्मी जी का आर्शीवाद उसी को प्राप्त होता है जो परिश्रम करता है. परिश्रम में ही जीवन की सफलता का रहस्य छिपा हुआ है. जो व्यक्ति आलस का त्याग कर अपने लक्ष्य के प्रति प्रयासरत रहता है उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. वहीं जो व्यक्ति आलस का त्याग नहीं कर पाते हैं, वे सफल होने से वचिंत रह जाते हैं. लक्ष्मी जी का भी आर्शीवाद ऐसे लोगों को नहीं मिलता है. लक्ष्मी जी की कृपा चाहिए तो इन बातों को अपनाने का प्रयास करें...
आलस का त्याग करें: सफल होना है तो आलस का त्याग करना ही होगा. आलस सफलता में सबसे बड़ी बाधा है. आलस का त्याग कर दिया तो लक्ष्य भेदने में मुश्किल नहीं आती हैं.
अनुशासन का पालन करें: लक्ष्मी जी ऐसे लोगों को अपना आर्शीवाद अवश्य प्रदान करती हैं जो अपने सभी कार्य समय पर पूर्ण करते हैं. अनुशासन का पालन करने वाले व्यक्ति के जीवन में धन की कोई कमी नहीं रहती है.
परिश्रम से सम्मान प्राप्त होता है: परिश्रम करने से धन के सा%E