Chanakya Niti Hindi : चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के कर्म उसे सफल और असफल बनानते हैं. चाणक्य की मानें तो श्रेष्ठ मनुष्य वही है जो अपनी जिम्मेदारियों को पूर्ण अनुशासन और ईमानदारी से पूर्ण करें. चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति ऐसा करने में सफल होता है, उस पर लक्ष्मी जी और माता सरस्वती की विशेष कृपा बनी रहती है.


शास्त्रों में लक्ष्मी जी को धन, सुख समृद्धि और वैभव की देवी माना गया है. कलयुग में लक्ष्मी जी का आशीर्वाद कष्टों को दूर करने में सहायक है. वहीं माता सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है. चाणक्य के अनुसार जिन लोगों को लक्ष्मी जी और माता सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है उनकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ज्ञान अंधकार को दूर करने में सक्षम है. ज्ञान से ही धन का प्रयोग स्वयं और दूसरों के लिए कल्याण के लिए किया जाए, इसके बारे में पता चलता है. लेकिन इसके साथ कुछ और भी बातें हैं, जिनका ध्यान रखा जाना चाहिए-


बड़ों का आदर करें
चाणक्य के अनुसार अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए. अहंकार से मुक्त होकर बड़ों का आदर करने से, आशीवार्द प्राप्त होता है. बड़ों का आशीर्वाद आत्मविश्वास को बढ़ाता है. किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए सबसे पहले जिस चीज की आवश्यकता पड़ती है वो है, आत्मविश्वास. किसी भी कार्य में तब तक सफलता प्राप्त नहीं हो सकती है जब तक आत्मविश्वास न हो.


छोटों का स्नेह प्राप्त करें
चाणक्य कहते हैं कि बड़ों का आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ साथ छोटे यनि अपने अनुजों का भी स्नेह प्रदान करना चाहिए. बड़ों का आशीर्वाद और छोटों का प्यार लेने में जो व्यक्ति सफलता प्राप्त करता है, उसके लिए जीवन का कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता है. ऐसे लोग हर स्थान पर आदर और सम्मान प्राप्त करते हैं. ऐसे लोग प्रेम और करूणा से पूर्ण होते हैं. प्रेम और करूणा ही व्यक्ति को श्रेष्ठ बनाती है.


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