(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chanakya Niti: लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए तुरंत छोड़ दें ये गंदी आदतें, जानें आज की चाणक्य नीति
Motivation Thought in Hindi: चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार लक्ष्मी जी धन की देवी हैं. जब इनका आशीर्वाद मिलता है तो जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
Chanakya Niti in Hindi, Motivation Thought, Chanakya Niti in Hindi : चाणक्य नीति के अनुसार धन की चाहत सभी के मन में होती है. लेकिन ये चाहत हर किसी की पूर्ण नहीं होती है. उसी व्यक्ति को धन की प्राप्ति होती है जिस लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में लक्ष्मी जी को धन की देवी कहा है.
चाणक्य का मानना है कि परिश्रम, ज्ञान और नियम का पालन करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं. जीवन में लक्ष्मी जी की कृपा से जीवन सरल और सुगम बन जाता है. लक्ष्मी जी की कृपा सुख-समृद्धि का कारक मानी गई है. इसके साथ ही मान सम्मान में भी वृद्धि होती है. लेकिन लक्ष्मी जी को कुछ चीजों नापसंद बताई गई हैं. ये कौन सी चीजें हैं आइए जानते हैं.
पद-प्रतिष्ठा का गलत प्रयोग न करें- चाणक्य नीति कहती है कि जो लोग पद और प्रतिष्ठा का गलत लाभ उठाकर कमजोर व्यक्तियों को सताते हैं,उनका अपमान करते हैं, हक छीन लेते हैं. ऐसे लोगों को लक्ष्मी जी कतई पसंद नहीं करती हैं. आगे चलकर इनको कष्ट-अपयश ही मिलता है.
धन का लोभ न करें- चाणक्य नीति के अनुसार किसी भी व्यक्ति को दूसरे के धन का लालच नहीं करना चाहिए. जीवन में धन सिर्फ परिश्रम से मिलता है. बिना परिश्रम मिला धन लंबे समय तक नहीं रुकता है. ऐसे में जो लोग लालच करते हैं, वे संतुष्ट नहीं होते हैं. लोभ के साथ कई अवगुण भी आते हैं. लालच करने वालों को लक्ष्मीजी की कृपा नहीं मिलती है.
लोगों के चयन में सावधानी बरतें- चाणक्य नीति के अनुसार गलत संगत सदैव हानि पहुंचाती है. इससे आज तक किसी का भला नहीं हुआ है. चाणक्य नीति के मानें तो व्यक्ति को विद्वान, वेद के जानकार और धर्म का पालन करने वालों की संगत करनी चाहिए, क्योंकि गलत आदतों में शुमार लोगों का साथ मां लक्ष्मी बहुत जल्द छोड़ देती हैं. इसलिए जीवन में सफलता के लिए गलत लोगों की संगत तुरंत छोड़ देनी चाहिए.
धन का व्यय अनावश्यक न करें- चाणक्य नीति के अनुसार किसी भी व्यक्ति को भूलकर भी धन लक्ष्मी का अपमान नहीं करना चाहिए. इसे सहेजकर ही खर्च करना चाहिए, क्योंकि लक्ष्मी की कद्र नहीं करने वालों से यह हमेशा के लिए रूठकर चली जाती है.