Chanakya Niti: इन गलत आदतों के कारण नहीं मिलती है शिक्षा, जॉब और करियर में सफलता, बनी रहती है धन की कमी
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) गलत विचार और आदतों से दूर रहने के लिए प्रेरित करती है.बुरी आदतें सफलता में बाधा की तरह होती हैं, इनसे दूर रहना चाहिए.इन आदतों के कारण ही लक्ष्मी जी (Lakshmi Ji) का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है.
Chanakya Niti For Motivation in Hindi: आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि लक्ष्मी जी का आशीर्वाद जीवन में चाहिए तो गलत आदतों से दूरी बना कर रखो. ये गलत आदतें व्यक्ति की प्रतिभा के साथ साथ बुद्धि को भी नष्ट करती हैं, जिस कारण योग्य व्यक्ति भी सफलता से वंचित हो जाता है.
चाणक्य की मानें तो व्यक्ति को सदैव सकारात्मक रहना चाहिए. नकारात्मकता सफलता में रुकावट उत्पन्न करती है. नकारात्मक विचार और ऊर्जा व्यक्ति को हानि ही पहुंचाती है. नकारात्मकता स्वयं को तो हानि पहुंचाती ही है, साथ ही दूसरों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है. इसलिए इसका त्याग करना चाहिए. लक्ष्मी जी को नकारात्मकता पसंद नहीं है. नकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों से लक्ष्मी जी दूरी बना लेती हैं. ऐसे लोगों के जीवन में धन का संकट भी बना रहता है. गलत आदतें धन के मामले में ही नहीं बल्कि शिक्षा, जॉब और करियर निर्माण के क्षेत्र में भी बाधा पहुंचाती हैं.
गलत संगत का त्याग करें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति की सफलता और असफलता में संगत का विशेष प्रभाव पड़ता है. जब व्यक्ति गलत संगत को अपनाता है तो उसकी प्रगति बाधित होती है. क्योंकि गलत संगत व्यक्ति के अच्छे गुणों का नाशप करती है. इसलिए गलत संगत को कभी नहीं अपनाना चाहिए. सदैव अच्छे और श्रेष्ठ गुणों से युक्त लोगों की ही संगत करनी चाहिए.
नशे से दूर रहें
चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को हर प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए. नशा करने से सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचाता है. सेहत की हानि होने पर व्यक्ति को परिश्रम और कुशलता पर प्रभाव पड़ता है. सफलता में परिश्रम और कुशलता का विशेष महत्व होता है. इसलिए नशा आदि नहीं करना चाहिए.
निंदा न करें, न सुनें
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को निंदा करने की प्रवृत्ति से दूर रहना चाहिए. इस आदत के कारण व्यक्ति को कभी कभी बड़ी परेशानी भी उठानी पड़ जाती है. इसलिए न तो किसी की निंदा करें और न ही किसी की निंदा को सुनें. निंदा रस में डूबे लोगों से दूर रहें.
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