Chandra Grahan 2020: पंचांग के अनुसार वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण अगले यानि महीने 30 नवंबर 2020 को दोपहर 01 बजकर 02 मिनट से शुरू होकर शाम 05 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इस साल का चौथा चंद्र ग्रहण होगा.


ग्रहण के दौरान सूतक काल का विशेष महत्व होता है. लेकिन इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा. इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 04 घंटे 21 मिनट की होगी. यह चंद्र ग्रहण एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जो कि भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में दिखा जा सकेगा. उपच्छाया होने के कारण इस ग्रहण में सूतक मान्य नहीं होगा. उपच्छाया को पेनुमब्रल भी कहा जाता है. इसका अर्थ ये हे कि जब चंद्र ग्रहण के दौरान चन्द्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर केवल पृथ्वी की उपच्छाया ही पड़ती है.


चंद्र ग्रहण का वृष राशि पर प्रभाव
चंद्र ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर देखा जाता है लेकिन यह ग्रहण वृष राशि में लगने जा रहा है इसलिए अधिक प्रभाव इसी राशि पर दिखाई देगा. इस चंद्र ग्रहण का उपच्छाया ग्रहण माना जा रहा है इसलिए अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन फिर भी कुछ मामलों में सावधानी बरतने की जरूरत हैं. वृष राशि वाले मानसिक तनाव से बचने का प्रयास करें और वाणी की मधुरता बनाएं रखें. प्रसन्न रहने की कोशिश करें और रिश्तेदार व मित्रों से संबंध न बिगाड़ें.


चंद्र ग्रहण के दिन दान का महत्व
चंद्र ग्रहण के दौरान दान का विशेष महत्व बताया गया है. चंद्र ग्रहण वाले दिन चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करने के बाद पूजा करें और जरूरतमंद व्यक्तिओं को दान दें. चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए ग्रंथों में पवित्र नदी में स्नान करना उत्तम बताया गया है. ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष नियम बताए गए हैं.


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