Chandra Grahan November 2021: साल 2021 में कुल दो चंद्र ग्रहण हैं. जिसमें से पहला ग्रहण 26 मई को लग चुका है और दूसरा ग्रहण 19 नवंबर दिन शुक्रवार को लगेगा. ये खंडग्रास चंद्र ग्रहण होगा. पंचांग अनुसार ग्रहण कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लगने जा रहा है. ये 6 घंटे लंबा ग्रहण होगा. जो भारत में भी दिखाई देगा. ग्रहण का प्रभाव सभी राशि के लोगों पर पड़ेगा. धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण लगने से पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. जानिए इस ग्रहण का क्या रहेगा सूतक? कब और कहां दिखाई देगा साल का ये आखिरी चंद्र ग्रहण? किस राशि और नक्षत्र के लोग होंगे प्रभावित?
साल 2021 का आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर दिन शुक्रवार को वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लगेगा. इसलिए इस राशि और नक्षत्र के लोग ही ग्रहण से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. आपको हर काम में सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है. ग्रहण भारत में अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा यूरोप, अमेरिका, पश्चिमी अफ्रीका, चीन, इंडोनेशिया, रूस, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में देखने को मिलेगा. जहां चंद्र ग्रहण साफ नजर आएगा.
ग्रहण की शुरुआत भारतीय समय के अनुसार सुबह 11 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा. इसकी समाप्ति शाम 5 बजकर 33 मिनट पर होगी. ग्रहण काल की कुल अवधि 5 घंटे 59 मिनट की होगी. इस ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा. क्योंकि ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है और ज्योतिष अनुसार इस ग्रहण का उतना प्रभाव नहीं पड़ता. सिर्फ उसी ग्रहण का सूतक माना जाता है जो ग्रहण खुली आंखों से देखा जा सके. उपच्छाया चंद्र ग्रहण को देखने के लिए विशेष तरह के उपकरणों की जरूरत पड़ती है.
उपच्छाया चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में न आकर उसकी उपच्छाया से ही बाहर निकल जाता है. इस दौरान चंद्रमा के रंग और आकार में कोई बदलाव नहीं होता. बस चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है. इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की वास्तिवक कक्षा में प्रवेश नहीं करता. बता दें ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपच्छाया में प्रवेश करता है इसके बाद पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है जिसे भूभा कहते है. जब ऐसा होता है तभी वास्तविक चंद्र ग्रहण होता है.
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