Chandra Grahan 2022 Highlights: पहला चंद्र ग्रहण खत्म, गर्भवती महिलाएं, गृहस्थ और संन्यासी अब क्या-क्या करें
Chandra Grahan 2022 Time in India Highlights: साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई को लगने वाला है. सभी राशियों पर इसका शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ेगा. जानें इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल और सभी लेटेस्ट अपडेट
चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिर के पुजारी और साधु-संन्यासी स्नान करें. इसके बाद मंदिर की धुलाई सफाई करें. मंदिर के अंदर व आस-पास स्थिति भगवान की मूर्तियों को धुलें तथा उसपर गंगा जल छिडकें. इसके साथ ही मंदिर में भी गंगाजल छिड़कर शुद्धिकरण करें और फिर पूजा-पाठ करें. पूजापाठ के बाद प्रसाद वितरण जरूर करें. चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद दान करने का भी नियम है. दान करने से ग्रहण का दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है. जातक अन्न, पैसा, कपड़ा किसी भी चीज का दान अपने सामर्थ्य अनुसार जरूर करें.
चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद घर की अच्छे से सफाई करें. उसके बाद पूरे घर में गंगा जल छिडक दें. घर की सफाई के बाद अगरवत्ती या धूप-बत्ती जलाएं. इससे ग्रहण के दौरान की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है. चंद्र ग्रहण समाप्त होने के तुरंत बाद स्नान करें.गंगा स्नान का खास महत्व होता है. यदि संभव हो तो गंगा जी में या किसी पवित्र नदी में स्नान करें.
चंद्र ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव गर्भवती महिला पर पड़ता है. चूँकि अब ग्रहण समाप्त हो चुका है. इसलिए इन महिलाओं को अब स्नान करना चाहिए. स्नान करने वाले पानी में गंगा जल की 2-4 बूंदे डालें तो उत्तम होगा. इसके बाद साफ़ और धुला कपड़ा पहने. उसके बाद अपने आराध्य की प्रार्थना करें. अब जरुरत मंद लोगों को दान दें. दान में कला उड़द, कपड़ा, रूपया- पैसा आदि दे सकते हैं.
साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है. यह इस साल का पहला चंद्र ग्रहण और दूसरा ग्रहण था. इसके पहले 30 अप्रैल को पहला सूर्य ग्रहण लगा था. अब इस साल का तीसरा ग्रहण और दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा. साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगेगा.
- मेष राशि- इन्हें चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और चावल का दान करें.
- वृषभ राशि- इन्हें दूध-दही, खीर का दान देना चाहिए.
- मिथुन राशि- ये गाय को चारा खिलाएं. या चारा दान दें.
- कर्क राशि- ये गरीबों को चावल का दान करें
- सिंह राशि- इन्हें शक्कर का दान करने से उत्तम लाभ प्राप्त होगा.
- कन्या राशि- ये गरीबों को गेहूं का आटा दान दें.
- तुला राशि- इन्हें दूध या शक्कर का दान करना चाहिए.
- वृश्चिक राशि - इन्हें रुपया- पैसे दान करना चाहिए.
- धनु राशि - धनु राशि के जातक पीले वस्त्र या भोजन का दान करें.
- मकर राशि - ये दूध-घी का दान कर सकते हैं. जल दान करना भी अच्छा रहेगा.
- कुंभ राशि - कुंभ राशि वाले काले तिल, काले कपड़े का दान करें.
- मीन राशि - गरीबों को भोजन कराएं या दान में दें.
पृथ्वी जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है तो चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है. इस स्थिति में पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को ढक लेती है. अर्थात जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के पास होकर चांद तक पहुंचती है. तो सूर्य के सतरंगी प्रकाश के नीले और हरे रंग का प्रकीर्णन वातावरण में हो जाता है क्योंकि इन रंगों की वेवलेंथ कम होती है. जबकि लाल रंग की वेवलेंथ अधिक होती है. इस कारण इस रंग का प्रकीर्णन बहुत कम होता है. इस स्थिति में सूर्य के प्रकाश के यह रंग चंद्रमा पर जाता है. जिसके कारण चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देने लगता है.
साल का यह पहला चंद्र ग्रहण होगा, इसके बाद दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 08 नवंबर 2022 को लगेगा. इसके अलावा 25 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण भी होगा. कुल मिलाकर इस वर्ष 4 ग्रहण होगा.
इस चंद्रग्रहण को अर्जेंटीना, सैंटियागो और चिली के साथ दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, दक्षिण-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, अधिकांश उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में देखा गया. यह भारत में नहीं दिखाई दिया.
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है. जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तब पृथ्वी का छाया चंद्रमा पर पड़ती तो इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं. चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है.
- पूर्ण चंद्र ग्रहण
- आंशिक चंद्र ग्रहण
- उपछाया चंद्र ग्रहण
- परमग्रास चन्द्र ग्रहण - 09:41 AM
- खग्रास समाप्त - 10:23 AM
- प्रच्छाया से अन्तिम स्पर्श - 11:24 AM
- उपच्छाया से अन्तिम स्पर्श - 12:20 AM
- खग्रास की अवधि - 01 घण्टा 24 मिनट
- खण्डग्रास की अवधि - 03 घण्टे 26 मिनट
- उपच्छाया की अवधि - 05 घण्टे 17 मिनट
आज वैशाख पूर्णिमा के साथ बुद्ध पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जा रहा है. इसी के साथ ही आज चंद्र ग्रहण भी लग रहा है. चंद्र ग्रहण विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लगेगा. इस कारण से ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव वृश्चिक राशि पर ही रहेगा. इसके अलावा बुद्ध पूर्णिमा का आज पावन पर्व है. आज के दिन ही भगवान बुद्ध की पूजा,उपासना, साधना और गंगा स्नान का विशेष महत्व है.
चंद्र ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है. जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है. तब कुछ देर के लिए ऐसी स्थिति बन जाती है कि चंद्रमा को सूर्य का प्रकाश मिलना बंद हो जाता है और चंद्रमा दिखाई नहीं पड़ता है, इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं.
1. ग्रहण काल में घर पर रहना चाहिए.
2. ग्रहण काल में पकाया हुआ भोजन दूषित माना जाता है. इसको खाने से बचना चाहिए.
3. ग्रहण काल में भगवान की आराधना करनी चाहिए.
4. ग्रहण के दौरान गाय के गोबर से अपने घर पर स्वास्तिक बना देना चाहिए.
5. गंगाजल छिड़ककर अपने घर को पवित्र करना चाहिए.
साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार आज 16 मई की सुबह 8 बजकर 58 मिनट से आरंभ हो गया है. भारत में इस चंद्र ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा. इस कारण से इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है.
साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई दिन सोमवार वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा पर विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लगेगा. पंचांग के मुताबिक़, बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण दोनों परिघ योग में होंगे. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि ग्रह-नक्षत्रों का ऐसा संयोग करीब 80 साल बाद बनने जा रहा है.
चंद्र ग्रहण के ठीक एक दिन बाद मंगल भी राशि बदलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. इससे मेष, सिंह और कन्या राशियों पर अशुभ प्रभाव पडेगा. इस दौरान इन्हें धन हानि हो सकती है. सेहत ख़राब हो सकता है. बिजनेस में मुनाफा घट सकता है. जीवन साथी के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं.
चंद्र ग्रहण के पहले स्नान करके सफ़ेद या लाल वस्त्र धारण करें. इसके बाद घर में किसी साफ़ स्थान पर आसन लगाकर बैठ जाएँ. चंद्र ग्रहण काल प्रारंभ होते ही चमेली के तेल का दीपक जलाएं. तत्पश्चात दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में 5 गोमती चक्र लेकर “ॐ क्रीं कालिके स्वाहा ॐ” मंत्र का जाप करें. जाप के दौरान मां भगवती काली और भगवान शिव का स्मरण करते रहें. ग्रहण के बाद इस गोमती चक्र को अपने ऑफिस या दुकान के पूजा घर में रखें.
- गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए इससे बच्चा मानसिक रूप से मंद पैदा होता है. इसलिए चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण में बच्चे को काली छाया से बचाने के लिए महिलाओं को सोना नहीं चाहिए और उन्हें भगवान का स्मरण करना चाहिए.
- चंद्र ग्रहण समाप्त होने के पश्चात महिलाओं को स्नान करने की सलाह दी जाती है. जिससे बच्चे को त्वचा संबंधी किसी रोग से बचाया जा सके. इसलिए गर्भवती महिलाओं को इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
- चंद्र ग्रहण काल में महिलाओं को अंदर रहने की सलाह दी जाती है. जिससे ग्रहण की काली छाया से अजन्मे बच्चे को बचाया जा सके. यह अशुभ का संकेत होता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण में बाहर निकलने पर मनाही है.
- गर्भवती महिलाओं को कुछ भी खाने से बचना चाहिए. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस समय भोजन दूषित हो जाता है. लेकिन बच्चे पर उसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े इसलिए थोड़े थोड़े समय अंतराल पर उन्हें जूस या पानी पीते रहना चाहिए.
साल 2022 का चंद्र ग्रहण वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि दिन सोमवार को लगेगा. पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि 15 मई को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगी. पूर्णिमा तिथि का समापन 16 मई को प्रात: 9 बजकर 45 मिनट पर होगा. यह चंद्र ग्रहण भारतीय समानुसार 16 मई को सुबह 8:59 बजे से लेकर 10:23 बजे तक रहेगा. भारत में इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा.
बैकग्राउंड
Chandra Grahan 2022 Time in India Highlights: चंद्र ग्रहण को एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है. पंचांग के अनुसार यह चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 को वैशाख शुक्ल की पूर्णिमा तिथि पर लगने जा रहा है. यह इस साल का पहला चंद्र ग्रहण है. यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. चूँकि ग्रहण शब्द के संबोधन से ही अशुभता का संकेत प्राप्त होता है. इस लिए किसी भी ग्रहण का प्रभाव शुभ और अशुभ दोनों प्रकार का हो सकता है. चूँकि यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इस चंद्र ग्रहण का सूतक कल भारत में मान्य नहीं होगा. शास्त्र के मतानुसार चंद्र ग्रहण में सूतक काल ग्रहण काल प्रारंभ होने से 9 घंटे पहले ही लग जाता है.
चंद्र ग्रहण क्यों लगता है?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब भगवान विष्णु मोहिनी एकादशी को मोहिनी रूप लेकर देवताओं को अमृत पान करा रहे थे. तो राहु नाम के एक दैत्य ने चुपके से अमृत पान कर लिया था. जिसके बारे में सूर्य और चंद्र ने भगवान विष्णु से शिकायत की. इस पर भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से राहु की गर्दन काट दी. तब से राहु और केतु बारी बारी से सूर्य और चंद्रमा पर अपनी छाया रखकर उनके प्रकाश को धूमिल कर देते हैं.
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