Chandra Grahan Highlights: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में हुआ समाप्त, जानें अगले साल कब लगेगा ग्रहण
Chandra Grahan 2022 Time in India Highlights: साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण समाप्त हो चुका है. ये मेष राशि में लगा था. अब अगला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 दिन शुक्रवार को लगेगा.
- साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 बृहस्पतिवार को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इस लिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
- साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को पड़ेगा. यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा.
साल 2023 में पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 दिन शुक्रवार को लगेगा. इसके बाद इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 दिन रविवार को लगेगा.
चंद्र ग्रहण की समाप्ति पर स्वंय और घर का शुद्धिकरण करें. जल में गंगा जल डालकर स्नान करें. शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के बाद पूरे घर को पानी में नमक डालकर धोना चाहिए. और घर के देवी-देवताओं को भी स्नान करवाएं. विधिवत पूजा पाठ करें. चंद्र ग्रहण के बाद दान का बहुत महत्व है. मान्यता है कि इसकी समाप्ति पर चंद्रमा से संबंधित सफेद चीजें जैसे - चावल, दही, मोती, वस्त, दूध, मिठाई, आदि का दान करना चाहिए.
असम की राजधानी गुवाहाटी में दिखा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण के समय भोजन बनाना और खाना दोनों ही निषेध है. पूजा-पाठ न करें. गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें. धारदार चीजें जैसे चाकू, कैंची, सुई का उपयोग न करें. पेड़ पौधों को स्पर्श न करें.
चंद्र ग्रहण की समाप्ति शाम 06 बजकर 20 मिनट पर होगी. इसी के साथ सूतक काल भी खत्म हो जाएगा. ग्रहण के बाद मंदिरों और घरों में साफ सफाई करें, गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए.
अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में पूर्ण ग्रहण के साथ चंद्रोदय सबसे पहले देखा गया. साल का आखिरी चंद्र ग्रहण ईटानगर में 4.38 मिनट पर दिखाई दिया.
- ॐ सों सोमाय नमः
- ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
- ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम:
- ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम:
आज लगने वाला चंद्र ग्रहण एक पूर्ण चंद्रग्रहण है. इस दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा के प्रकाश को पूर्ण रूप से ढक लेगी. प्रकाश का विशेष प्रभाव चंद्रमा पर पड़ने के कारण यह चंद्रमा लाल रंग का नजर आएगा, जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है.
- मेष राशि- आपको मेहनत करनी पड़ेगी, लेकिन चंद्रग्रहण के बाद आपकी मेहनत रंग लाएगी. आपके अधूरे काम पूरे होंगे. ग्रहण के दौरान हाथ जोड़कर अपने इष्टदेव का ध्यान करें तथा ऊँ हृीं श्रीं लक्ष्मीनारायणाय नमः मंत्र के 108 बार जाप करें.
- वृषभ राशि- गृहस्थ जीवन में उल्टफेर हो सकता है, पत्नी और संतान से अनबन या गलत कार्य हो सकता है. घर-परिवार और वाहन सुख को लेकर भी थोड़ा तनाव हो सकता है. इस दौरान आपको नींद की बीमारी बढ़ सकती. ग्रहण के दौरान ऊनी आसन पर बैठकर अपने इष्टदेव का ध्यान कर ऊँ गोपालाय उत्तर ध्वजाय नमः मंत्र की एक माला जाप करें.
- मिथुन राशि- आपके लिए बहुत अनुकूल समय है. नये कार्य का आरम्भ करना, स्वास्थ्य लाभ करना व यात्रा करने के लिए उत्तम है. कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी मिल सकती है. वहीं बेरोजगार लोगों की नौकरी लग सकती है. ग्रहण के दौरान ऊँ क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र का एक माला जाप करें.
- कर्क राशि- इस समय भूमि क्रय-विक्रय द्वारा लाभ उठाना चाहिए, साथ ही साथ शेयर्स में भाग अवश्य लेना चाहिए. साल का आखिरी चन्द्र ग्रहण शुभ फलदायी साबित हो सकता है. आपके मान-सम्मान वृद्धि हो सकती है. राजनीति क्षेत्र से जुड़े लोगों को कोई पद मिल सकता है. यदि आप नए व्यापार में निवेश करना चाह रहे हैं, तो ये समय बेहतर है. ग्रहण के दौरान ऊँ हिरण्यगर्भाय अव्यक्तरूपिणे नमः मंत्र की एक माला जाप करें.
- सिंह राशि- धन की हानि होगी. वहीं मानसिक उद्वेग, चिंता और यात्रा निष्फल रहेगी. सरकारी या उच्चाधिकारी से तनाव की स्थिति बन रही है. पेट और पैर की समस्याओं में बढ़ोतरी होगी. इस दौरान विवाद से बचें और अपनी वाणी पर संयम बरते. ग्रहण के दौरान ऊँ क्लीं ब्रह्मणे जगदाधाराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें.
- कन्या राशि- धन प्राप्ति के साधन बढ़ेंगे. लाइफ पार्टनर के साथ मिलकर काम करने से आपको प्रॉफिट होगा. आपका कोई भी काम नहीं रुकेगा. लेकिन आपको हेल्थ इश्यू हो सकते हैं, तो संभल कर रहे. ग्रहण के दौरान इष्टदेव का ध्यान कर ऊँ नमो प्रीं पीताम्बराय नमः मंत्र का 108 बार जाप कर करें.
- तुला राशि- चंद्र ग्रहण का बहुत शुभ प्रभाव पड़ेगा इससे इनके मान सम्मान में वृद्धि होगी. रिश्तेदारों से सहायता प्राप्त होगी. बिजनस में प्रॉफिट मिलेगा, नौकरीपेशा लोगों को इंक्रीमेंट प्राप्त होगा. ग्रहण के दौरान इष्टदेव का ध्यान करें तथा ऊँ तत्त्वनिरजनायतारकरामाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें.
- वृश्चिक राशि- श्रृंगार प्रसाधन, यात्रा एवं मनोरंजन में खूब खर्च करेंगे, संतान अनुकूलता देगी. लेकिन मनोबल और स्वास्थ्य को लेकर मन अप्रसन्न रहेगा. आपको ये एहसास होगा कि कुछ हुआ है. ग्रहण के दौरान ऊँ नारायणाय सुरसिंहासनाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें.
- धनु राशि- ग्रहण के कारण मानसिक रूप से दुःखी रहेंगे, आय होते हुए भी अभाव का अनुभव करेंगे. नये व्यापार की रूप-रेखा बनाने में सफल होंगे. लेकिन आपका अचानक से क्रोध बढ़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि आप खुद पर नियंत्रण रखें. दांपत्य सुख और प्रेम संबंधों में तनाव की स्थिति भी पैदा हो सकती है. ग्रहण के दौरान ऊँ श्री देवकृष्णाय ऊध्र्वान्तकाय नमः मंत्र की एक माला जाप करें.
- मकर राशि- भूमि-भवन क्रय करने तथा ठेकेदारी के कार्य में अधिक सफल होंगे. इस दौरान स्वास्थ्य से संबंधित दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है. जीवनसाथी और प्रेम संबंधों को लेकर मन अप्रसन्न रहेगा. पिता के स्वास्थ्य को लेकर भी थोड़ी सी चिंता लगी रहेगी. ग्रहण के दौरान ऊँ श्रीं वत्सलाय वत्स राजाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें.
- कुंभ राशि- मान सम्मान बढ़ेगा. रुका हुआ पैसा आपको मिलने लगेगा. सरकारी नौकरी में प्रमोशन मिलेगा और ट्रांसफर के रुके काम पूरे होंगे. अविवाहित लोगों के रिश्ते आएंगे. ग्रहण के दौरान ऊँ श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें.
- मीन राशि- घर-गृहस्थी, संतान, आय, स्वास्थ्य, व्यापार, यात्रा सभी दृष्टिकोणों से यह समय उपयुक्त है. लेकिन पराक्रम और सम्मान में अवरोध पैदा होगा. पेट संबंधित रोग सता सकते है. इस दौरान अपनी वाणी पर कंट्रोल रखें. ग्रहण के दौरान ऊँ क्लीं उद्धृताय उद्धारिणे नमः मंत्र का 108 बार जाप करें.
चंद्र ग्रहण का असर हर व्यक्ति के मन-मस्तिष्क पर पड़ता है. इसके कुप्रभाव से बचने के लिए ग्रहण काल के दौरान ध्यान करना चाहिए. ग्रहण में कम से कम 108 बार अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करें. ग्रहण के दौरान अपने पास दूर्वा घास और तुलसी के पत्तों को पास रखने से इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है.
ग्रहण के दौरान किसी भी तरह की यात्रा करना अशुभ माना गया है, गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए. ग्रहण के दौरान कभी भी चंद्रमा को ना देखें. ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने और पीने से परहेज करना चाहिए. ग्रहण के दौरान जितना हो सके देवी देवताओं की पूजा में ध्यान लगाएं. चंद्र ग्रहण के दौरान भगवान शिव की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है.
आज कार्तिक पूर्णिमा भी है. चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन ही लगता है. पूर्णिमा का दिन विशेष होता है क्योंकि यह दिन भी चंद्रमा को समर्पित होता है. पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूरा होता है इसलिए इस दिन ग्रहण काल में जप करना और पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है.
दिल्ली
चंद्र ग्रहण - शाम 05.32 से शाम 06.18
कोलकाता
चंद्र ग्रहण - शाम 04.56 - शाम 06.18
मुंबई
चंद्र ग्रहण - शाम 06.05 - शाम 06.18
रांची
चंद्र ग्रहण - शाम 05.07 - शाम 06.18
पटना
चंद्र ग्रहण - शाम 05.05 - शाम 06.18
गुवाहाटी
चंद्र ग्रहण - शाम 04.37 - शाम 06.18
अहमदाबाद
चंद्र ग्रहण - शाम 06.00 - शाम 06.18
जयपुर
चंद्र ग्रहण - शाम 05.41 - शाम 06.18
लखनऊ
चंद्र ग्रहण - शाम 06.00 - शाम 06.18
चंडीगढ़
चंद्र ग्रहण - शाम 05.20 - शाम 06.18
भोपाल
चंद्र ग्रहण - शाम 05.40 - शाम 06.18
चेन्नई
चंद्र ग्रहण - शाम 05.42 - शाम 06.18
चंद्र ग्रहण भले एक खगोलीय घटना हो लेकिन इससे जुड़ी अलग-अलग पौराणिक मान्यताएं भी हैं जिस पर लोग विश्वास करते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार चंद्र ग्रहण तब होता है जब राक्षसों के देवता राहु चंद्रमा अपने मुंह से पकड़ लेते हैं. राहु को राक्षसों का देव माना जाता है इसलिए ग्रहण को भी नकारात्मकता और बुरी ऊर्जाओं का प्रतीक माना जाता है.
चंद्र ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. ग्रहण काल में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए. ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने और पीने से परहेज करना चाहिए. इस दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से भी बचना चाहिए. इस दौरान किसी भी प्रकार का मानसिक या शारीरिक तनाव नहीं लेना चाहिए.
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण और सूतक काल के दौरान विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी जाती है. गर्भवती महिलाओं को किसी भी परिस्थिति में ग्रहण देखने से बचना चाहिए. इस लिए ये अब अपने घर या कमरे में चली जाएं. मान्यताओं के अनुसार, गर्भवती महिला को अपने पेट पर गाय के गोबर का लेप लगा लेना चाहिए.
यदि आप आज 8 नवंबर चंद्र ग्रहण देखने के इच्छुक हैं तो जानकारी के लिए बता दें कि भारत के पूर्वी भाग में पूर्ण चंद्र ग्रहण 2022 देख सकते हैं. भारत के अन्य सभी हिस्सों से आंशिक चंद्र ग्रहण देखा जा सकता है. चंद्र ग्रहण 2022 को देखने के लिए किसी विशेष निर्देश का पालन करने की आवश्यकता नहीं है. आप चंद्र ग्रहण को अपनी नग्न आंखों से ही देख सकते हैं.
आज का चंद्र ग्रहण मेष राशि में लग रहा है. इसलिए इस राशि के लोगों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है. इस राशि के जातकों की सेहत बिगड़ सकती है. इसलिए आपको खुद पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है. चंद्र ग्रहण का असर आप पर मानसिक रूप से भी पड़ेगा जिसकी वजह से आप परेशान रहेंगे. वाहन चलाते समय सावधानी बरतें, दुर्घटना के योग बनें हैं. आपके दांपत्य जीवन में भी थोड़ा तनाव बढ़ सकता है.
पंचांग के मुताबिक, इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण बस कुछ देर में शुरू होने वाला है. यह भारतीय समयानुसार आज 8 नवंबर को दोपहर बाद 2.21 बजे से शुरू होगा और 6.18 पर खत्म हो जाएगा. इस दौरान लोगों को घर से बहार नहीं निकलना चाहिए. और किसी भी पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए.
चंद्र ग्रहण 3 प्रकार के होते हैं.
- पूर्ण चंद्र ग्रहण
- आंशिक चंद्र ग्रहण
- उपछाया चंद्र ग्रहण
पूर्ण चंद्र ग्रहण की स्थिति तब बनती है. जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं और पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में होती है. इस वजह से पृथ्वी की परछाई से चंद्रमा पूरी तरह ढक जाता है और चंद्रमा पूरी तरह से काला हो जाता है. इसी को पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं.
आंशिक चंद्र ग्रहण की घटना तब होती है जब पृथ्वी की परछाईं चंद्रमा के पूरे भाग को नहीं ढक पाती है. इस दौरान चंद्रमा के हिस्से में अंधेरा जैसा प्रतीत होता है.
भारत में भी चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू हो गया है. पंचांग के अनुसार आखिरी चंद्र ग्रहण का सूतक सुबह 09:21 बजे शुरू हो गया है और यह शाम 06.18 बजे समाप्त होगा. चंद्र ग्रहण के दौरान ग्रहण से पहले 3 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है. सूर्योदय से सूर्योदय तक कुल 8 प्रहर होते हैं. इसलिए सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले और चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक मनाया जाता है.
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई एवं बेंगलुरु शहर पूर्णावस्था के अंत के बाद चांद निकलेगा. ऐसे में उस समय आंशिक ग्रहण चल रहा होगा. इन शहरों में चांद निकलने के समय से लेकर ग्रहण की आंशिक अवस्था के अंत तक की अवधि क्रमश: 50 मिनट, 18 मिनट, 40 मिनट और 29 मिनट की होगी.
- चंद्रग्रहण और सूतक काल में पूजा वर्जित है लेकिन इस दौरान इस मंत्र का जाप कर सकते हैं. तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥ या विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥2॥
- चंद्र ग्रहण का सूतक काल लगने से पहले मंदिर के कपाट बंद कर दें. ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान और दान करें. इसकी समाप्ति पर पूरे घर में गंगाजल छि़ड़कर शुद्धिकरण करें. भगवान को भी गंगाजल से स्नान कराएं.
- सूतक काल लगने से पहले अनाज और तरल पदार्थों में तुलसी दल और कुश डाल दें. मान्यता है कि इससे इन चीजों को ग्रहण के दुष्प्रभाव से संरक्षित किया जा सकता है.
- शास्त्रों के अनुसार ग्रहण एवं सूतक के दौरान समस्त प्रकार के ठोस एवं तरल खाद्य पदार्थों का सेवन निषिद्ध है, हालांकि बुजुर्गों और रोगियों के लिए मान्यता अनुसार इसमें छूट दी गई है.
- इसमें न ही भोजन पकाना चाहिए, न ही इनका सेवन करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना गया है.
- सूतक काल में सूर्य को अर्घ्य भी नहीं दिया जाता, न ही तुलसी और किसी भी पूजनीय पेड़-पौधों में जल अर्पित न करें.
- इस दिन गर्भवती महिलाएं विशेषकर सावधानियां बरतें. सूतक काल के शुरू होने से पहले ग्रहण खत्म होने तक घर से बाहर न निकलें.
पंचांग के मुताबिक, चंद्र ग्रहण दोपहर बाद 2:39 बजे से शुरू होगा और इसका सूतक काल सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शुरू हो चुका है.
देश में इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज 8 नवंबर 2022 को घटित होगा. चंद्रोदय के समय ग्रहण भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा . पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बयान में यह जानकारी दी गई है. मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘ ग्रहण की आंशिक और पूर्णावस्था का आरम्भ भारत के किसी भी स्थान से दिखाई नहीं देगा क्योंकि यह घटना भारत में चंद्रोदय के पहले ही प्रारम्भ हो चुकी होगी.’’ भारत में चंद्र ग्रहण शाम 5.32 से 6.18 के बीच दिखेगा. जानकारी के मुताबिक, चंद्र ग्रहण 2.21 पर शुरू होगा और 6.18 पर खत्म हो जाएगा.
बैकग्राउंड
Chandra Grahan 2022 Highlights: चंद्र ग्रहण में सूर्य की परिक्रमा के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चांद जब एक सीधी लाइन में आ जाते हैं और पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच में होती है तो चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती हैं. भारतीय समयानुसार साल 2022 का चंद्र ग्रहण आज 8 नवंबर दिन मंगलवार और कार्तिक पूर्णिमा तिथि को करीब दोपहर 2:39 से शुरू हुआ था और सायं 6:19 बजे पर समाप्त हो गया. भारत में यह चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार आज शाम को 5.32 मिनट पर दिखाई देना शुरू हुआ और शाम 6.18 मिनट पर समाप्त हो गया.
चंद्र ग्रहण 2022 का सूतक काल
भारत में इस चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा जिसके कारण ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा. चंद्रग्रहण में सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले लगेगा. पंचांग के मुताबिक, चंद्र ग्रहण दोपहर बाद 2:39 बजे से शुरू होगा और इसका सूतक काल सुबह 5 बजकर 53 मिनट से शुरू हो चुका है.
वहीँ भारत में चंद्र ग्रहण का सूतक काल सुबह करीब 9 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा और शाम को ग्रहण समाप्त होने के साथ 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगा. शाम 6:19 तक चंद्र ग्रहण का 39 मिनट का पर्व काल रहेगा.
चंद्र ग्रहण के दौरान ना करें ये काम
चंद्र ग्रहण का सूतक शुरू हो चुका है. परंतु भारत में इसका सूतक काल 9 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा. इस लिए यह जान लें कि इस दौरान क्या न करें. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. ग्रहण काल में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए. सूतक लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें. सूतक काल या ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने और पीने से परहेज करना चाहिए. इस दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से बचें. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण और सूतक काल के दौरान विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह दी जाती है. गर्भवती महिलाओं को किसी भी परिस्थिति में ग्रहण देखने से बचना चाहिए. ग्रहण के दौरान सोने से मना किया जाता है.
यह भी पढ़ें
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -