Chandra Grahan 2022, Dev Diwali: हिंदी पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन देवी और देवता दिवाली मनाने धरती पर आते हैं. इस बार देव दिवाली के दिन साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. 


चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार 8 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर शाम 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा. वहीं, भारत में चंद्र ग्रहण शाम के 5 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा. धार्मिक मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रकोप पृथ्वी पर अधिक प्रभावी होता है. ऐसे में राहु –केतु के प्रभाव से बचने के लिए ये उपाय बहुत प्रभावी हो सकता है.  


चंद्र ग्रहण 2022 पर राहु- केतु के प्रभाव से बचने का उपाय


धार्मिक मान्यता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान राहु और केतु का प्रभाव अधिक प्रभावशाली हो जाता है. ऐसे में इनके दुष्प्रभाव से बचने के लिए नीचे दिए गए उपाय बेहद लाभप्रद होंगे.


करे गुरु मंत्र का जाप: चंद्र ग्रहण के दौरान बुरे प्रभावों से बचाव के लिए गुरु मंत्र का जाप करना फायदेमंद होता है.


गुरु मंत्र : ‘ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’का जाप करें.


करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप: चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. मान्यता है कि इस दौरान राहु और केतु के प्रभाव से बचाव के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप बेहद लाभकारी साबित होता है.


महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥


राहु-केतु के प्रभाव से बचने के मंत्र : शास्त्रों के अनुसार राहु-केतु की बुरी दृष्टि पड़ने पर व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है. इसके लिए ग्रहण के दौरान राहु और केतु के प्रभाव से बचाव के लिए नीचे लिखे मंत्र का जाप अवश्य करें.


मंत्र: तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥


तुलसी के पत्ता का सेवन : धर्म ग्रंथों के अनुसार, चंद्रग्रहण के दौरान तुलसी के पत्ता का सेवन करना चाहिए. तुलसी का पत्ता मुख मने डाल लें. यह फायदेमंद होता है.


बगलामुखी मंत्र : धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति पर पड़ने वाली नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है तथा शत्रुओं से मुक्ति मिलती है. शत्रु पर विजय पाने के लिए चंद्र ग्रहण के दौरान इस मंत्र का जाप करें. यह मंत्र कम से कम एक माला जरूर जपें.


मंत्र: ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।


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