Chandra Grahan 2022: साल का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई दिन सोमवार को लग रहा है. यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा. ग्रहणकाल में लोगों को कुछ विशेष सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए. क्योंकि ग्रहण से पूर्व जो सूतक काल लगता है, उस सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. इसलिए ग्रहण को अशुभ माना जाता है. ग्रहणकाल में गर्भवती महिलाओं को सचेत रहने की सलाह दी जाती है. इससे उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण काल में महिलाओं के लिए कुछ विशेष बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है.


ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं के लिए सावधानियां



  • ग्रहणकाल में महिलाओं को अंदर रहने की सलाह दी जाती है. जिससे ग्रहण की काली छाया से अजन्मे बच्चे को बचाया जा सके. यह अशुभ का संकेत होता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण में बाहर निकलने पर मनाही है.

  • गर्भवती महिलाओं को कुछ भी खाने से बचना चाहिए. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस समय भोजन दूषित हो जाता है. लेकिन बच्चे पर उसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े इसलिए थोड़े थोड़े समय अंतराल पर उन्हें जूस या पानी पीते रहना चाहिए.

  • गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए इससे बच्चा मानसिक रूप से मंद पैदा होता है. इसलिए चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण में बच्चे को काली छाया से बचाने के लिए महिलाओं को सोना नहीं चाहिए और उन्हें भगवान का स्मरण करना चाहिए.

  • चंद्र ग्रहण समाप्त होने के पश्चात महिलाओं को स्नान करने की सलाह दी जाती है. जिससे बच्चे को त्वचा संबंधी किसी रोग से बचाया जा सके. इसलिए गर्भवती महिलाओं को इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.




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