Chandra Grahan Date: साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लगेगा.  यह ग्रहण 5 मई की रात में 8 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और मध्यरात्रि के बाद 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा. वैसे तो ग्रहण के पीछे वैज्ञानिक कारण हैं, लेकिन धार्मिक मान्‍यताओं में ग्रहण महत्वपूर्ण माना गया है.  ज्योतिष में ग्रहण काल को बहुत अशुभ माना गया है. खासतौर से सूतक के दौरान कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किए जाते हैं. ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और दान का बड़ा महत्व है. ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण से जुड़े खास नियम बताए गए हैं. जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं.


चंद्र ग्रहण के दौरान ना करें ये काम


ग्रहण काल में किए गए कार्यों का शुभ फल प्राप्त नहीं होता है इसलिए इस समय कुछ काम करने से बचना चाहिए. ग्रहण काल के दौरान भगवान की मूर्ति स्पर्श नहीं करनी चाहिए. इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. ग्रहणकाल में कुछ भी खाने-पीने से परहेज करना चाहिए. इस समय बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए. गर्भवती महिलाएं को ग्रहणकाल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा को सीधी आंखों से नहीं देखना चाहिए. इस समय कैंची, चाकू जैसी नुकीली चीजों का इस्तेमाल ना करें.



चंद्र ग्रहण में करें ये काम


चंद्र ग्रहण के समय शिव चालीसा का पाठ करने से ग्रहण का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है. चंद्र ग्रहण के दिन सात्विक रहकर ईश्वर की आराधना करनी चाहिए. ग्रहण खत्‍म होने के बाद नहाकर गंगा जल से घर का शुद्धिकरण करना चाहिए. इसके बाद पूजा-पाठ कर दान-दक्षिणा करनी चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद गायों को घास खिलाएं, पक्षियों को अन्न और जरूरतमंदों को वस्त्र दान देने से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में मंत्रों का जाप करना चाहिए. कुंडली में चंद्र ग्रहण दोष हो तो ग्रहण के बाद चावल, दूध, दही, सफेद वस्त्र और मिठाई का दान करें.


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