Chandra Grahan Date: विज्ञान के साथ-साथ ज्योतिष शास्त्र में भी ग्रहण का विशेष महत्व बताया गया है. चंद्र ग्रहण में पृथ्वी, सूर्य और चंद्र के बीच होती है जिसमे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती हैं और उसका प्रकाश धुंधला पड़ जाता है.  ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा मन का कारक है. यह माता,  रुझान, समाज में मान- सम्मान, दृष्टि, मानसिक प्रखरता, बुद्धिमत्ता और घर के प्रभाव को दर्शाता है. इसलिए चंद्र ग्रहण का प्रभाव हर किसी के मन मस्तिष्क पर पड़ता है. आइए जानते हैं कि इस साल चंद्र ग्रहण कब लगने वाला है.


इस दिन लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण



चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसे लेकर हर किसी को जिज्ञासा रहती है. चंद्र ग्रहण का नजारा इतना खूबसूरत होता है कि हर कोई इसे अपने कैमरे में कैद करना चाहता है. साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई, शुक्रवार के दिन लगेगा. यह ग्रहण 5 मई की रात में 8 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और मध्यरात्रि के बाद 1 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा. यह एक उपछाया चंद्रग्रहण होगा. यह चंद्रग्रहण लगभग 4 घंटे 15 मिनट की अवधि का होगा.


इन जगहों पर देगा दिखाई


5 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा. ग्रहण ना दिखाई देने की वजह से यहां सूतक काल भी नहीं लगेगा. सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं लगेगी. 


चंद्र ग्रहण का प्रभाव


धार्मिक दृष्टिकोण के अनुसार ग्रहण राहु-केतु के कारण लगता है. इस घटना में दोनों ग्रह सूर्य और चंद्रमा को शापित करते हैं. ग्रहण के प्रभाव से व्यक्ति का हर पक्ष प्रभावित होता है. चंद्रमा मन का कारक है इसलिए चंद्र ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव व्यक्ति के मन-मस्तिष्क पर पड़ता है. खासकर चंद्रमा कुंडली में अगर उसी राशि मे हैं जिस राशि मे उसे ग्रहण लगा है तो व्यक्ति पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है. 5 मई को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा. इसलिए इस राशि और नक्षत्र वाले लोगों को चंद्र ग्रहण के दौरान ज्यादा सावधान रहना होगा.


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