Chandra Grahan/Lunar Eclipse 2021 Date: चंद्रग्रहण का वैज्ञानिक महत्व के साथ-साथ धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी होता है. 19 अक्टूबर को साल 2021 का दूसरा चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रग्रहण लगने का शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ते हैं. इस ग्रहण का प्रभाव पृथ्वी पर रह रहे अनेक जीव जंतुओं पर नकारात्मक असर होता है. कहा जाता है कि चंद्रग्रहण के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. इस दौरान पूजा पाठ करना वर्जित होता है. इसलिए चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करके मन ही मन में अपने ईष्ट देव की अराधना करें. आइये जाने चन्द्रग्रहण के प्रभाव से बचने के क्या उपाय करें.
चंद्रग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के उपाय:
- चंद्रग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए इस दौरान अपने मन में अपने ईष्ट देव का नाम लें और उनकी मानसिक आराधना करें
- चंद्रग्रहण से संबंधित मंत्रों और राहु-केतु से संबंधित मंत्रों को उच्चारण करना चाहिए
- चंद्रग्रहण की समाप्ति के बाद दान देने का प्रावधान है. इसमें आटा, चावल, चीनी, साबुत उड़द की दाल, काला तिल, काले वस्त्र आदि का दान करना उत्तम माना जाता है. इससे भी चंद्रग्रहण का प्रभाव कम होता है.
- चंद्रग्रहण के दौरान हनुमान चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, दुर्गा चालीसा और श्रीमदभागवत गीता का पाठ करना उतम माना जाता है. इसलिए पूरे चंद्रग्रहण में इन धर्म ग्रंथों का पाठ अवश्य करना चाहिए.
चंद्रग्रहण का समय: चंद्रग्रहण 19 नवंबर 2021 को सुबह 11.34 बजे से शुरू होगा और इसकी समाप्ति शाम 5.33 बजे होगी.
चंद्रग्रहण के दौरान करें इन मंत्रों का जाप
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥1॥
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥2॥
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