चाणक्य नीति: सुखी वैवाहिक जीवन के लिए जरूरी हैं ये छह गुण, अपनाने से बढे़गी मिठास
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में सुखी वैवाहिक जीवन के लिए छह गुणों की महत्ता बताई है. उनके अनुसार यदि यह छह गुणों को दम्पत्ति अपनाते हैं तो उनका जीवन सदा खुशहाल बना रह सकता है.
आचार्य चाणक्य अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र के ही ज्ञाता नहीं थे, उन्हें समाज शास्त्र की भी गहरी समझ थी. उन्होंने दाम्पत्य की सफलता के लिए निम्नोक्त गुणों को अपनाने की सलाह दी है.
गुस्सा नहीं करना चाहिए चाणक्य कहते हैं कि पति-पत्नी में ऐसी स्थिति आती है कि जब एक गुस्सा हो जाता है. ऐसे में दूसरे को भी गुस्सा नहीं करना चाहिए. शांत हो कर स्थिति को संभालना चाहिए. परिवार में हमेशा शांति स्थापित होनी चाहिए. तभी गृहस्थी खुशहाल रह सकती है. अगर एक रूठता है तो दूसरे को मनाना चाहिए. क्योंकि रूठों को मनाओगे नहीं और फटे हुए की सिलाई नहीं करोगे तो गृहस्थी चल पाना मुश्किल है.
गोपनीयता वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच बहुत सी बातें गोपनीय होती हैं. गोपनीयता को बनाए रखना चाहिए. तीसरे का हस्तक्षेप हमेशा हानिकारक होता है. पति-पत्नी के बीच की गोपनीयता को न तो ससुराल पक्ष में और न मायके पक्ष में ही साझा करना चाहिए.
मर्यादा चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी दोनों को मर्यादा में रह कर एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए. मर्यादा का उल्लंघन होने पर कलह शुरू हो जाती है और परिवार की खुशियों में ग्रहण लग जाता है.
धैर्य नीति शास्त्र के अनुसार पति-पत्नी में धैर्य होना बेहद जरूरी है. चाणक्य कहते हैं जो पति-पत्नी के वैवाहिक जीवन में बहुत सी मुश्किल घड़ी आ सकती हैं. ऐसे में धैर्य के साथ उस समय का मुकाबला करना चाहिए. धैर्य खो देने वाले लोग जीवन में निराशा का सामना करते हैं.
झूठ चाणक्य के अनुसारए पति-पत्नी का रिश्ता झूठ पर नहीं टिका होना चाहिए. अगर इन दोनों में से कोई एक भी झूठ के सहारे आगे बढ़ता है तो बाद में सच सामने आने पर रिश्ता में कड़वाहट आनी शुरू हो जाती है. झूठे पर टिके रिश्तों का अंत हो जाता है.
खर्च चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी को पैसों के सही इस्तेमाल की जानकारी होने से ही वैवाहिक जीवन खुशहाल होता है. दोनों की कमाई और खर्चों के बीच संतुलन रहने से उन्हें कभी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है. दोनों जीवन का आनंद उठा पाते हैं.