Chhath Puja 2022: मिथुन राशि में मंगल के वक्री होने का क्या होगा असर? जानें
Chhath Puja 2022 Mangal Vakri: छठ पूजा का समापन 31 अक्टूबर को होगा. इसके पहले यानी 30 अक्टूबर को मंगल वक्री होने जा रहें हैं. इनका क्या दुष्प्रभाव होगा. आइये जानें.
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Mars Retrograde Effect, Chhath Puja 2022: हिंदू पंचांग के मुताबिक, छठ पूजा व्रत हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन इसका प्रारंभ चतुर्थी तिथि से हो जाता है. इस बार छठ पूजा व्रत का प्रारंभ नहाय –खाय के साथ 28 अक्टूबर दिन शुक्रवार को शुरू हुआ. यह महापर्व छठ माई और भगवान सूर्य को समर्पित है. छठ पूजा 31 अक्टूबर को सूर्योदय को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होगा. उसके बाद छठ व्रती व्रत का पारण करेंगे. छठ व्रत के ठीक पहले यानी 30 अक्टूबर को मंगल ग्रह वक्री होने जा रहे हैं. आइये जानें इसका क्या दुष्प्रभाव होगा?
मंगल वक्री का प्रभाव (Mars Retrograde Effect)
मंगल में इन तत्वों की होती है प्रधानता
ज्योतिष में मंगल को पुरुष ग्रह माना गया है. इन्हें मेष राशि और वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है. भ्रमण काल के दौरान जब मंगल मकर राशि में आते है तो उच्च का कहे जाते है. वहीं जब कर्क राशि में आते हैं तो नीच का कहे जाते हैं. इसमें अग्नि तत्व की प्रधानता होती है. इसे पराक्रम का प्रतीक माना जाता है.
मंगल वक्री इन क्षेत्रों में मचाएंगे उथल—पुथल
पंडित सुरेश श्रीमाली के अनुसार चूंकि मंगल लाल तत्व प्रधान है. इसलिए इनके वक्री होने से लाल चीजों यानि तांबा, सोना, लाल दालों जैसा चना, मसूर आदि के दामों में वृद्धि हो सकती है. मंगल भूमिपुत्र भी कहा जाता है. इसलिए इस दौरान भूमि या जमीन जायजाद के दामों में बढ़ोत्तरी हो सकती है. इसके साथ ही मंगल के वक्री होने से मौसम में भी परिवर्तन होने की संभावना होती है. इस लिए इस दौरान हवा पानी, बारिश के योग बन रहें हैं.
मिथुन राशि:
मंगल मिथुन राशि में वक्री होंगे. इसलिए मिथुन राशि के जातकों को इस दौरान विशेष सतर्क रहने की जरूरत है. इन्हें वाहन आदि चलाने में सावधानी रखनी होगी. रोग की वृद्धि हो सकती है.
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