Chinnamasta Jayanti 2024: क्यों मनाई जाती है छिन्नमस्ता जयंती, मई में कब है ये, जानें महत्व
Chinnamasta Jayanti 2024: छिन्नमस्ता माता दस महाविद्या में से एक है. इनकी आराधना से सर्वकार्य सिद्ध हो जाते हैं. साथ ही अनेक लाभ मिलते है. जानें छिन्नमस्ता जयंती की डेट, महत्व
Chinnamasta Jayanti 2024: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छिन्नमस्ता जयंती मनाई जाती है. देवी छिन्नमस्ता 10 महाविद्याओं में से एक है. इनकी आराधना से सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं. दस महाविद्याओं की उत्पत्ति देवी सती के क्रोध से हुई थी.
इनकी पूजा से व्यक्ति को तंत्र-मंत्र की सिद्धि भी प्राप्त होती है इसलिए गृहस्थ जीवन वालों को महाविद्या की पूजा बेहद सावधानी पूर्वक और सामान्य रूप से पूजा करनी चाहिए. जानें मां छिन्नमस्ता जयंती 2024 की डेट और महत्व.
छिन्नमस्ता जयंती 2024 डेट (Chinnamasta Jayanti 2024 Date)
छिन्नमस्ता जयंती 21 मई 2024 मंगलवार को मनाई जाएगी. देवी छिन्नमस्तिका सात्विक, राजसिक तथा तामसिक, इन तीनों ही गुणों का प्रतिनिधित्व करती हैं. देवी छिन्नमस्ता की पूजा सामान्य तौर पर करें, मंत्रों का जाप करें.
छिन्नमस्ता का स्वरूप
छिन्नमस्ता का अर्थ होता है – कटा हुआ मस्तक, देवी छिन्नमस्ता का स्वरूप बेहद वीभत्स्य है. देवी छिन्नमस्ता अपने एक हाथ में अपना स्वयं का कटा हुआ शीश और दूसरे हाथ में खड्ग धारण करती हैं. उनके गले से रक्त की तीन धारायें प्रवाहित होती हैं. देवी छिन्नमस्ता को प्रचण्ड चण्डिका के नाम से भी जाना जाता है.
देवी छिन्नमस्ता की पूजा के लाभ (Chinnamasta Jayanti Significance)
शत्रुओं का नाश करने हेतु छिन्नमस्ता साधना की जाती है. न्यायिक विवादों से मुक्ति, राजकीय सहयोग, व्यापार में प्रगति और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए भी देवी छिन्नमस्ता की पूजा की जाती है. इनकी आराधन से राहु के अशुभ प्रभाव का असर नहीं होता. विपत्ति के समय वह भक्तों को कष्टों का सामना करने की शक्ति प्रदान करती हैं तथा उनके कष्टों का निवारण भी करती हैं.
छिन्नमस्ता मूल मंत्र - श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा॥
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